एचडीएफसी बैंक (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : प्राइवेट सेक्टर के एचडीएफसी बैंक ने सोमवार को कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व यानी सीएसआर को लेकर बड़ी बात कही है। एचडीएफसी बैंक ने कहा है कि वे अपनी कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व यानी सीएसआर पहल परिवर्तन के अंतर्गत साल 2025 तक भारत के 1 हजार गांवों को क्लिन और रिन्यूऐबल एनर्जी सोल्यूशन तक पहुंच देकर उन गांवों को सशक्त बनाने की योजना बना रहा हैं।
एचडीएफसी बैंक ने बयान में कहा कि रिन्यूऐबल एनर्जी के सेक्टर में बैंक का काम इस साल के पृथ्वी दिवस के विषय ‘हमारी शक्ति, हमारी धरती’ के अनुरूप है, जो ग्रीन एनर्जी को अपनाने में ग्लोबल तेजी लाने का आह्वान करता है। बयान में कहा गया है कि एचडीएफसी बैंक परिवर्तन ने नेचुरल रिर्सोस मैनेजमेंट के अपने स्तंभ के अंतर्गत 22 राज्यों में 61,655 से ज्यादा सोलर स्ट्रीटलाइट लगाई हैं।
बैंक ने कहा कि इसने रोड़ सिक्योरिटी से लेकर पेयजल, खेती, फूड प्रोसेसिंग और आजीविका में बढ़त जैसी कई सोलर पहल की भी शुरुआत की है जो ग्रामीण जीवन को बेहतर बना रही हैं। एचडीएफसी बैंक ने कहा कि यह समझते हुए कि केवल बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर ही पर्याप्त नहीं है, उसने सोलर एजुकेशन पहल विकसित की है, जो सेमी-अर्बन भारत में सोलर एनर्जी की स्वीकार्यता को बढ़ाने के लिए डिजाइन की गई है।
इसमें कहा गया है कि सोलर एजुकेशन, मूलत: जागरूकता की कमी, प्रक्रिया बाधाओं और मिथक को हल करती है जो अक्सर इन्हें अपनाने में बाधा डालते हैं। उसने कहा कि यह कार्यक्रम महत्वपूर्ण एजुकेशन और व्यावहारिक प्रदर्शन के साथ-साथ सरकारी योजनाओं और सब्सिडी के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
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एचडीएफसी बैंक के डिप्युटी मैनेजमेंट डायरेक्टर कैजाद भरुचा ने कहा है कि परिवर्तन के अंतर्गत हमारी सोलर एनर्जी पहल वास्तविक, सड़कों और घरों को रोशन करने जैसी मापनीय परिवर्तन लाने के लिए डिजाइन की गई है जो इसके साथ ही अवसर भी पैदा करता है। अर्थ डे पर, हम पूरे भारत में ऐसे प्रभावशाली मॉडल को बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं। एचडीएफसी बैंक के प्रमुख यानी सीएसआर नुसरत पठान ने कहा कि बैंक मानता है कि सोलर एनर्जी का लोकतांत्रीकरण, तकनीकी तैनाती से कहीं आगे जाता है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)