Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • अन्य
    • वेब स्टोरीज़
    • वायरल
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • धर्म
    • करियर
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
  • चुनाव
In Trends:
  • Ganesh Chaturthi |
  • Tariff War |
  • Weather Update |
  • Aaj ka Rashifal |
  • Parliament Session |
  • Bihar Assembly Elections 2025 |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

China India: RCEP से भारत को नहीं हो रहा लाभ, चीन की ये हरकत बन रहा रोड़ा

थिंक टैंक जीटीआरआई ने अपनी एक रिपोर्ट जारी की है। जिसमें कहा कि भारत को क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (RCEP) समझौते से बहुत कम लाभ मिलेगा।

  • By साक्षी सिंह
Updated On: Nov 17, 2024 | 02:20 PM

चीन की अपारदर्शी व्यापार प्रथाओं के कारण भारत को आरसीईपी से बहुत कम लाभ: GTRI (सौजन्य-सोशल मीडिया)

Follow Us
Close
Follow Us:

नई दिल्ली: थिंक टैंक जीटीआरआई ने अपनी एक रिपोर्ट जारी की है। जिसमें कहा कि भारत को क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (RCEP) समझौते से बहुत कम लाभ मिलेगा। जीटीआरआई ने रिपोर्ट में कहा कि इस ब्लॉक के सदस्य देशों के साथ बढ़ते व्यापार घाटे और चीन की अपारदर्शी व्यापार प्रथाओं के कारण भारत बहुत अधिक लाभ नहीं उठा पाएगा।

दरअसल, भारत ने साल 2019 में व्यापार असंतुलन और घरेलू उद्योगों पर इसके प्रभाव की चिंताओं के कारण आरसीईपी ब्लॉक में शामिल नहीं होने का फैसला किया था। भारत अपने बड़े व्यापार घाटे के कारण चीन के साथ द्विपक्षीय एफटीए नहीं कर सकता।

बिजनेस की खबरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव और व्यापार विशेषज्ञ अभिजीत दास की रिपोर्ट के मुताबिक, विशेष रूप से चीन की अपारदर्शी व्यापार प्रथाओं को देखते हुए आरसीईपी से भारत को बहुत कम लाभ होगा। भारत अपने बड़े व्यापार घाटे के कारण चीन के साथ द्विपक्षीय एफटीए नहीं कर सकता। हालांकि, आरसीईपी में शामिल होने से समस्या अधिक बढ़ सकती है।

नीति आयोग ने कहा भारत को होना चाहिए RCEP का हिस्सा

रिपोर्ट में ये भी गया कि आरसीईपी के तहत चीनी माल पहले दिन से ही न्यूनतम प्रसंस्करण के साथ अन्य आरसीईपी देशों के जरिये आसानी से भारत में प्रवेश कर सकता है। यह रिपोर्ट इसलिए महत्वपुर्ण है क्योंकि नीति आयोग के सीईओ बी वी आर सुब्रह्मण्यम (B V R Subrahmanyam) ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि भारत को आरसीईपी का हिस्सा होना चाहिए।

RCEP क्या है

आरसीईपी एक तरह का व्यापक मुक्त व्यापार समझौता (FTA) है। जिस पर 10 आसियान सदस्य देशों, और उनके छह मुक्त व्यापार भागीदारों – चीन, भारत, दक्षिण कोरिया, जापान, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच बातचीत हुई थी।

Gtri says india is not getting benefit from rcep due to china opaque trade practices

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Nov 17, 2024 | 02:20 PM

Topics:  

सम्बंधित ख़बरें

1

साल 2025 में कब है चौरचन व्रत, जानिए क्या है इस त्योहार का शुभ मुहूर्त और महिमा

2

‘विश्व की सबसे प्राचीन सनातन संस्कृत’ चिमूर भागवत सप्ताह का समापन में बोले- CM फडणवीस

3

अंधेरे से आजादी: 3 साल से कैद 2 मासूमों का किया रेस्क्यू, मां के बंधन से बच्चों को मिली मुक्ति

4

भोजन घोटाला: BOCW ने मजदूरों को खिला दिया 1833 करोड़ का खाना, हाई कोर्ट पहुंचा मामला

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • सोलापुर
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.