बॉम्बे हाई कोर्ट (सोर्स: सोशल मीडिया)
Mid Day Meal Scheme Corruption: महाराष्ट्र इमारत एवं अन्य बांधकाम कामगार कल्याणकारी मंडल (BOCW) की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हुए वर्धा के स्वाभिमानी बांधकाम कामगार संगठन सहित तीन अन्य श्रमिक संगठनों ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि मंडल ने मध्याह्न भोजन और सुरक्षा किट योजना के नाम पर करोड़ों रुपये का दुरुपयोग किया है।
हाई कोर्ट ने इस पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने के आदेश दिए। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि मध्याह्न भोजन योजना पर 1,833.28 करोड़ रुपये खर्च दिखाया गया है जबकि मजदूरों को इसका कोई वास्तविक लाभ नहीं मिला।
याचिकाकर्ताओं के अनुसार इसी तरह 827.30 करोड़ रुपये सुरक्षा किट पर खर्च किए गए जबकि यह योजना बीओसीडब्ल्यू कानून का हिस्सा ही नहीं है। कानून के अनुसार मंडल में मजदूर और नियोक्ता, दोनों का समान प्रतिनिधित्व होना चाहिए लेकिन वर्तमान में मजदूर प्रतिनिधियों के बिना ही मंडल का कामकाज चल रहा है।
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साथ ही मंडल का मुख्यालय केवल मुंबई में होने से वर्धा, गड़चिरोली जैसे जिलों के मजदूरों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। 8 जनवरी, 2021 को सरकार ने जिला स्तर पर कार्यालय खोलने का निर्णय लिया था मगर अब तक लागू नहीं किया गया। इसके बजाय निजी कंपनियों को तहसील स्तर पर मजदूरों के पंजीयन व योजनाओं के क्रियान्वयन का काम सौंपा गया है जो कानून के विपरीत है।
याचिका में यह भी कहा गया है कि कई कल्याणकारी योजनाओं पर सही तरह से अमल नहीं हुआ। चंद्रपुर और अकोला जिलों में प्रसूति सहायता नहीं मिली और परिवार नियोजन शल्यक्रिया के लिए केवल दो महिलाओं को ही मदद दी गई। मंडल के खर्च का 2021 से अब तक ऑडिट नहीं हुआ जिससे गड़बड़ी की संभावना और बढ़ गई है।
याचिकाकर्ताओं ने 8 मई, 2024 को मंडल को निवेदन दिया था लेकिन कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई। इसलिए मजबूरन हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। याचिकाकर्ताओं की ओर से बीओसीडब्ल्यू कानून और आदर्श कल्याण योजनाओं का सही पालन कराने, कथित अवैध खर्च की जांच व लेखापरीक्षण कराने और जिला स्तरीय कार्यालय शीघ्र शुरू करने के आदेश जारी करने का अनुरोध हाई कोर्ट से किया गया।