जीएसटी 2.0 (सौ. सोशल मीडिया )
SBI Research On GST 2.0: फाइनेंशियल ईयर 2026 में जीएसटी में 52,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होने की संभावना है। यह बढ़त जीएसटी 2.0 सुधारों से अनुमानित 45,000 करोड़ रुपये के संभावित राजस्व नुकसान को आसानी से संतुलित कर देगी।
एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी 2.0 से खपत में वृद्धि हो सकती है, जिससे टैक्स कलेक्शन बढ़ेगा, मुद्रास्फीति घटेगी और अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट में सुधार होगा।
रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि औसत राजस्व नुकसान करीब 85,000 करोड़ रुपये तक हो सकता है, जबकि फाइनेंशियल ईयर 2026 के लिए यह करीब 45,000 करोड़ रुपये रह सकता है। कुल मिलाकर, हानिकारक वस्तुओं को 28% स्लैब से 40% स्लैब में स्थानांतरित करने से राजस्व नुकसान कम होने की उम्मीद है।
जीएसटी 2.0 में सुधार के बाद अनुमान है कि सरकार को औसतन 85,000 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हो सकता है, लेकिन साथ ही उपभोग (कंज़म्पशन) में 1.98 लाख करोड़ रुपये का इज़ाफ़ा होने की संभावना है। टैक्स में कटौती के असर के साथ, इसका कुल प्रभाव भारत की अर्थव्यवस्था में 5.31 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त वृद्धि के बराबर है, जो जीडीपी का लगभग 1.6% बनता है।
विश्लेषकों को पहले यह चिंता थी कि अगर जीएसटी कटौती से होने वाले राजस्व नुकसान को पूरा करने के लिए सरकार कर्ज़ बढ़ाएगी, तो फिस्कल अनुमान प्रभावित हो सकते हैं। हालांकि, एसबीआई रिसर्च ने इस शंका को खारिज करते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2026 में फिस्कल घाटे का लक्ष्य पार होने की संभावना नहीं है। इसलिए लोन मार्केट में फैली आशंकाएं थोड़ी अधिक दिखाई देती हैं।
एसबीआई रिसर्च के अनुसार, मुद्रास्फीति पर नियंत्रण के लिए जरूरी वस्तुओं जैसे खाने-पीने की चीज़ों और कपड़ों पर लागू जीएसटी दर 12% से घटकर 5% हो सकती है। इस बदलाव से इस श्रेणी की उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) मुद्रास्फीति में 10-15 बेसिक प्वाइंट की कमी देखने को मिल सकती है, जिसमें खाद्य वस्तुओं का करीब 60% योगदान है।
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साथ ही, सेवाओं पर जीएसटी दर को सरल बनाने से अन्य वस्तुओं और सेवाओं की CPI मुद्रास्फीति में 5-10 बेसिक प्वाइंट की गिरावट आ सकती है, जिसमें 25% असर शामिल है। कुल मिलाकर, इन बदलावों से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) मुद्रास्फीति में लगभग 20-25 बेसिक प्वाइंट की कमी आने की संभावना है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पिछले चार सालों में केंद्र ने अनुमानित टैक्स राजस्व से औसतन 2.26 लाख करोड़ रुपये ज्यादा हासिल किए हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)