सीएम देवेंद्र फडणवीस (सौजन्य-नवभारत)
CM Devendra Fadnavis in Nagpur: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राजस्व विभाग सही अर्थों में राज्य के आर्थिक विकास की धुरी है। गतिशीलता, पारदर्शिता व तत्पर सेवा देने वाले विभाग के रूप में इसकी पहचान है। वर्तमान में राज्य की जनता को सर्वाधिक ऑनलाइन सेवाएं उपलब्ध करने वाला यह विभाग राजस्व परिषद में अभ्यास गटों द्वारा पेश की गईं सिफारिशों से और अधिक लोकाभिमुख होगा और नीतिगत फैसले लेने में निर्णायक होगा।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने यह विश्वास आईआईएम में आयोजित दो दिवसीय राजस्व परिषद के समापन समारोह में जताया। इस अवसर पर राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, मुख्य सचिव राजेश कुमार, अपर मुख्य सचिव विकास खारगे, मुख्यमंत्री के सचिव परदेशी, जमाबंदी आयुक्त, पंजीयन महानिरीक्षक, सभी विभागीय आयुक्त, जिलाधिकारी व राजस्व विभाग के आलाधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि समय के अनुसार राजस्व संबधी कार्यप्रणाली से संबंधित नीतियों को बदलने की जरूरत है। आधुनिक तकनीक व स्किल के बल पर विभाग को अधिकाधिक सक्षम व लोकस्नेही करने का प्रयास राज्य सरकार कर रही है। पूरे राज्य भर से आए विभागीय आयुक्तों, जिलाधिकारियों से मुख्यमंत्री, राजस्व मंत्री व मंत्रालयीन अधिकारियों ने अलग-अलग बैठकें लेकर जानकारी ली।
विभागीय आयुक्त की अध्यक्षता वाली विविध समितियों की रिपोर्ट सादर की गई। राजस्व विभाग कामकाज में सुसूत्रता व गतमानता लाने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश मुख्यमंत्री ने दिया। उन्होंने राजस्व सेवा व योजनाओं के लाभ से कोई भी पात्र नागरिक वंचित न रहे, इसलिए ऑनलाइन सेवा को अधिक पारदर्शी करने का भी निर्देश दिया।
परिषद में नागरिकों से संबंधित विविध कार्यों के संदर्भ में अनेक योजनाओं, नई संकल्पना, विविध उपाययोजना व उपक्रमों की जानकारियों का आदान-प्रदान किया गया। यह सब जिलास्तर ही नहीं बल्कि तहसील स्तर पर सभी के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होगी। अधिकारियों ने कहा कि इससे प्रशासन में नई कार्यपद्धति अस्तित्व में आएगी और यह परिषद विभाग के भविष्य के लिए दिशादर्शक साबित होगी।
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रविवार को राजभवन के दरबार हॉल में तमिल समाज द्वारा स्नेह मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस दौरान राज्यपाल ने उपस्थितों का मार्गदर्शन किया। छत्रपति शिवाजी महाराज ने अन्याय के विरुद्ध संघर्ष किया। उन्होंने हिंदवी स्वराज्य की स्थापना की। हमें याद रखना चाहिए कि उन्होंने अपने परिवार के लिए नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए संघर्ष किया था। उन्होंने तिरुवन्नामलाई में मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया।
राज्यपाल ने किया पुस्तक का विमोचन (सौजन्य-नवभारत)
राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने विश्वास के साथ कहा कि चाहे महाराष्ट्रीयन हों, तमिल हों, कन्नड़ हों या अन्य प्रांत के, हम में से प्रत्येक अपनी क्षेत्रीय पहचान के साथ-साथ अखिल भारतीय पहचान के लिए भी प्रतिबद्ध है। मंच पर सेंथिल कुमार, के जगदीसन, रीमा मोहन, अतुल मोघे उपस्थित थे। स्नेह मिलन कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने आर रामकृष्णन और प्रीति रामकृष्णन द्वारा लिखित पुस्तक ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ का विमोचन किया।
राज्यपाल ने आगे कहा कि नागपुर की विभिन्न तमिल संस्थाओं ने आज भी एकता की भावना को बरकरार रखा है। आज का कार्यक्रम उसी एकता का प्रतीक है। आर रामकृष्णन ने कहा कि मुझे इस पुस्तक के माध्यम से हमारे वेदों में छिपे ज्ञान को डिजिटल रूप में संरक्षित करके प्रसन्नता हो रही है।