गौतम अदाणी (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : उद्योगपति गौतम अदाणी पर हाल ही में अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन ने रिश्वतखोरी का करोड़ों रुपये की रिश्वत का आरोप लगाया है। गौतम अदाणी के अलावा 7 और लोगों पर ये गंभीर आरोप लगा है। इसी कड़ी में अमेरिकी जांच एजेंसी ने गौतम अदाणी और उनके भतीजे सागर समेत और भी 7 लोगों को समन भेजने की कोशिश की थी, लेकिन प्रोटोकॉल के अंतर्गत वो ऐसा नहीं कर पायी है।
आपको बता दें कि अमेरिकी जांच एजेंसी को गौतम अदाणी को नोटिस भेजने के लिए राजनयिक माध्यमों का उपयोग करना होगा, लेकिन वो ऐसा नहीं कर सकती है। किसी भी विदेशी नागरिक को नोटिस भेजना एसईसी के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है। यहीं कारण है कि कुछ समय के लिए अदाणी के सिर से ये मुसीबत टल गयी है। हालांकि कुछ सूत्रों ने ये जानकारी दी है कि यह समन एसईसी के न्यूयॉर्क की अदालत के सामने दायर किए गए कानूनी दस्तावेज का हिस्सा ही हैं, जिसे गौतम अदाणी तक पहुंतने में काफी समय लग सकता है। फिलहाल गौतम अदाणी को किसी भी प्रकार का कोई समन नहीं भेजा गया है।
अमेरिकी एसईसी की पूरी कोशिश है कि वो गौतम अदाणी सोलर एनर्जी कॉन्ट्रेक्ट हासिल करने के लिए रिश्वत दिए जाने के मामले पर अपना रुख साफ करें, लेकिन वो किसी भी डायरेक्ट पोस्ट या और भी किसी जरिए से ऐसा नहीं कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें इंडियन एबेंसी और दूसरे राजनयिक मोड के माध्यम से ही गौतम अदाणी को समन भेजना होगा। इस मामले की जांच करने वाले सूत्रों ने ये जानकारी दी है कि ऐसा करने के लिए अमेरिकी एसईसी को भारतीय दूतावास की मदद लेनी होगी। इसके अलावा भी दूसरी राजनयिक औपचारिकताओं के अंतर्गत बनाए गए प्रोटोकॉल का भी पालन करना होगा। इन सूत्रों ने कहा है कि अमेरिकी एसईसी के पास किसी भी विदेशी नागरिक पर कोई अधिकार नहीं है।
बिजनेस की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां पर क्लिक करें :- केंद्र सरकार की इन बीमा योजनाओं का खुलकर लाभ उठाएं, मात्र 20 रुपये में मिल सकता है 2 लाख तक का फायदा पाएं
आपको बता दें कि अमेरिकी एसईसी को अदाणी समूह के संस्थापक और चेयरमैन गौतम अडानी तथा उनके भतीजे सागर पर 26.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर की रिश्वत लेने के लिए लगाए गए आरोपों पर कारवाई करने के लिए उचित राजनयिक चैनलों के माध्यम से समन भेजना होगा। हालांकि इस मामले पर सफाई देते हुए कुछ सूत्रों ने ये जानकारी दी है कि यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन के पास किसी भी विदेशी नागरिक को सीधा समन भेजने का कोई अधिकार नहीं है।