प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: FMCG कंपनियों और पारंपरिक वितरकों के बीच चल रहा विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। महाराष्ट्र के एफएमसीजी वितरकों ने अब बड़ा एक और बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के चलते महाराष्ट्र में कोलगेट के प्रोडक्ट्स की कमी हो सकती है। जिसकी सीधा असर कोलगेट के प्रोडक्ट का उपयोग करने वाले ग्राहकों पर पड़ेगा।
कोलगेट पामोलिव के वितरकों ने 12 मई से महाराष्ट्र में कंपनी के सभी उत्पादों की खरीद को निलंबित करने का फैसला किया है। उनका आरोप है कि कंपनी त्वरित-वाणिज्य चैनल को भारी छूट दे रही है, जो सामान्य व्यापार के हित के खिलाफ है।
अखिल भारतीय उपभोक्ता उत्पाद वितरक संघ (AICPDF) ने बयान में कहा कि कोलगेट ब्लिंकिट, जेप्टो और इंस्टामार्ट जैसे त्वरित वाणिज्य चैनल में आक्रामक रूप से स्टॉक को आगे बढ़ा रही है और एमआरपी पर 50-60 प्रतिशत की भारी छूट दे रही है।
एआईसीपीडीएफ पूरे भारत में FMCG डिस्ट्रीब्यूटर्स का एक छत्र निकाय है। इसने कहा कि यह सामूहिक कार्रवाई महीनों की निराशा और अनसुलझी शिकायतों के बाद उठाया जा रहा है।
एआईसीपीडीएफ ने चेतावनी दी कि यदि कोलगेट कंपनी सुधारात्मक कार्रवाई शुरू करने में नाकाम रहती है, तो यह राज्यस्तरीय कार्रवाई जल्द ही एक राष्ट्रव्यापी अभियान में बदल सकती है, जिससे संभावित रूप से खुदरा दुकानों से कोलगेट उत्पादों को पूरी तरह से वापस ले लिया जाएगा।
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फेडरेशन का दावा है कि यह 4.5 लाख से अधिक एफएमसीजी वितरकों का प्रतिनिधित्व करती है। एसोसिएशन ने पहले भी इस मुद्दे पर एफएमसीजी कंपनियों के खिलाफ जांच की मांग करते हुए निष्पक्ष व्यापार नियामक भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) से संपर्क किया था।
(एजेंसी इनपुट के साथ)