वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (सौजन्य सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत सरकार की ओर से 1 फरवरी को बजट पेश किया जाने वाला है। बताया जा रहा है कि इस बजट में कई सारे सेक्टरों में अहम बदलाव हो सकता है। इसी सिलसिले में सीआईआई यानी कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री ने सरकार के सामने बिजनेस को और भी ज्यादा बढ़ावा देने और उसके तरीकों में बदलाव करने के सुझाव को पेश किए हैं। जिसमें से कई तरीके के बदलाव इस बजट में हो सकते हैं।
सीआईआई के अनुसार, सेंट्रल लेवल, स्टेट लेवल और लोकल लेवल पर बिजनेस के लिए एक ही तरीके से इंटर करना चाहिए। जो भी बिजनेस के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना चाहता है, वो सभी का रजिस्ट्रेशन एक ही पोर्टल पर कर सकता है। जिसका सीधा मतलब है कि इसके लिए केवल एनएसडब्लूएस का उपयोग किया जा सकता है, जिसके कारण पूरे सिस्टम में ट्रांसपेरेंसी आ जाएगी। सीआईआई ने अपने पहले सुझाव में इसे 6 महीने के अंदर सेंट्रल मंत्रालयों की ओर से पूरा करने की अपील की जा रही है। इसके बाद इस सिस्टम को राज्य स्तर पर लागू किया जाएगा और इसके लिए सरकार को अलग से बजट पेश करना होगा।
सीआईआई की ओर से ये कहा जा रहा है कि सरकार की ओर से बिजनेस करने के तरीकों को आसान बनाया और ज्यादा से ज्यादा बिजनेस करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है। इसीलिए ये मूमेंट बना रहे है कि हमें कुछ स्पेसिफिक चीजों की ओर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।
सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा है कि बिजनेस करने के तरीके आसान बनाने के लिए और इसमें आने वाली गैर जरूरी परेशानियों को दूर करने के लिए अगले कई सालों तक हमें बिजनेस को बढ़ाने के एजेंडे पर ध्यान देन की जरूरत है। बयान में उन्होंने कहा है कि भूमि, श्रम और टैक्स का भुगतान जैसे कई सेक्टर हैं, जिसमें सुधार करने से देश के आर्थिक विकास में तेजी लायी जा सकती है।
इसके अलावा सीआईआई की ओर से ये भी कहा गया है कि सरकार को बिजनेस से जुड़ी शिकायतों को जल्द से जल्द निपटाने के लिए नियम बनाने की जरूरत है। सरकार कोई ऐसा कानून लेकर आए, जिसके अंतर्गत ये तय किया जा सकता है कि अधिकारी लोगों को समय पर सुविधाएं मुहैया करवायी जा सके और ऐसा ना करने पर उनके खिलाफ कारवाई की जानी चाहिए।