प्रतीकात्मक तस्वीर, (सोर्स- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ ने मंगलवार को योगदान हासिल करने के लिए अपने पैनल में शामिल बैंक नेटवर्क में 15 एक्स्ट्रा बैंकों को शामिल करने का ऐलान किया है। इससे पैनल में शामिल बैंकों की लिस्ट 32 हो गई है।
श्रम मंत्रालय ने बयान में कहा कि ईपीएफओ ने मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया की मौजूदगी में 15 एक्स्ट्रा पब्लिक/प्राइवेट सेक्टर के बैंकों के साथ कॉन्ट्रेक्ट किया है। पैनल में शामिल 15 बैंक ईयरली कलेक्शन में लगभग 12,000 करोड़ रुपये का सीधा भुगतान करने में सक्षम होंगे। साथ ही इन बैंकों में अपने अकाउंट रखने वाले एम्पॉलयर्स तक इनकी सीधी पहुंच होगी।
अधिनियम के अंतर्गत आने वाले एम्पॉलयर्स को अपना मासिक योगदान देने में सक्षम बनाने के लिए, ईपीएफओ ने पहले ही 17 बैंकों को पैनल में शामिल किया हुआ है। नए बैंकों को मिलाकर कुल बैंकों की संख्या 32 हो गई है।
मांडविया ने अपने संबोधन में कहा कि नए भारत की दिशा में देश की प्रगति को ईपीएफओ जैसी संस्थाओं द्वारा महत्वपूर्ण रूप से समर्थन मिल रहा है। ये संस्थाएं देश के भविष्य को आकार देने में अहम भूमिका निभाती हैं। उन्होंने कहा कि लगभग 8 करोड़ एक्टिव शेयरहोल्डर्स और 78 लाख से ज्यादा पेंशनभोगियों के साथ, ईपीएफओ लाखों लोगों के लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
श्रम मंत्री ने कहा कि ईपीएफओ लगातार समय के साथ कदम बढ़ा रहा है। ईपीएफओ 2.01 के हाल में कार्यान्वयन के साथ, एक मजबूत आईटी सिस्टम सामने आया है। इससे क्लेम सेटलमेंट में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में, ईपीएफओ ने रिकॉर्ड 6 करोड़ से ज्यादा दावों का निपटान किया, जो पिछले वर्ष यानी 2023-24 में निपटाए गए 4.45 करोड़ क्लेम्स की तुलना में 35 प्रतिशत ज्यादा है।
मांडविया ने कहा कि ग्राहकों की संतुष्टि में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन सक्रिय रूप से ईपीएफओ 3.0 की दिशा में काम कर रहा है ताकि इसे बैंकों की तरह सुलभ और कुशल बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली की शुरुआत के साथ एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इस प्रणाली से 78 लाख से अधिक पेंशनभोगियों को लाभ होगा, जिससे वे देश भर में किसी भी बैंक खाते में अपनी पेंशन प्राप्त कर सकेंगे। पहले, पेंशनभोगियों को एक विशिष्ट क्षेत्रीय बैंक में खाता रखना आवश्यक था, अब यह अनिवार्यता हटा दी गई है।
मांडविया ने कहा, ‘‘हम सदस्यों के लिए जीवन को आसान बनाने और नियोक्ताओं के लिए व्यापार करने में सुगमता प्रदान करने पर ध्यान दे रहे हैं। हमारे बैंक भागीदारों, नियोक्ताओं और सदस्यों के निरंतर समर्थन के साथ, हम अपने सामाजिक सुरक्षा ढांचे को और मजबूत करते हुए, विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में मजबूत कदम उठाने के लिए दृढ़ हैं।”
पैनल में शामिल 15 नए बैंक हैं। इंडसइंड बैंक, करूर वैश्य बैंक, आरबीएल बैंक, एचएसबीसी बैंक, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, फेडरल बैंक, साउथ इंडियन बैंक, सिटी यूनियन बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, यूको बैंक, कर्नाटक बैंक, डेवलपमेंट बैंक ऑफ सिंगापुर, तमिलनाडु मर्केंटाइल बैंक, डेवलपमेंट क्रेडिट बैंक और बंधन बैंक।
बिजनेस की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां पर क्लिक करें
पैनल में पहले से ये 17 बैंक शामिल थे। भारतीय स्टेट बैंक, एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, आईडीबीआई बैंक, इंडियन बैंक इंडियन ओवरसीज बैंक, यस बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, जम्मू और कश्मीर बैंक और बैंक ऑफ इंडिया हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)