साइबर क्राइम (सौजन्य-सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन यानी सीबीआई ने साइबर अपराधियों को लेकर बड़ा खुलासा किया है। सीबीआई ने पता लगाया है कि 700 से भी ज्यादा बैंक ब्रांच में तकरीबन 8.5 लाख ऐसे फ्रॉड और इनएक्टिव अकाउंट होने की जानकारी हासिल की है।
इन अकाउंट्स का यूज डिजिटल चोरी, फ्रॉड इंवेस्टमेंट और यूपीआई बेस्ड फ्रॉड से हासिल की गई कमाई को ठिकाने लगाने के लिए किया जा रहा था। जांच अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि इन फर्जी अकाउंट पर कार्रवाई करते हुए सीबीआई ने हाल ही में दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में 42 ठिकानों पर एक साथ सर्च ऑपरेशन चलाया। इस दौरान नौ संदिग्धों को हिरासत में लिया गया जिनमें कथित बिचौलिये, एजेंट, एग्रीगेटर, खाताधारक और बैंकिंग प्रतिनिधि शामिल हैं। इन पर फर्जी खाते खोलने में मदद करने का आरोप है।
फ्रॉड अकाउंट ऐसा बैंक अकाउंट होता है जो किसी ऐसे व्यक्ति के नाम पर खोला जाता है, जिसे शायद पता भी न हो कि उसके अकाउंट का उपयोग ब्लैक मनी को सफेद करने के लिए किया जा रहा है। सीबीआई ने अपनी जांच में पाया कि इन अकाउंट को अक्सर फर्जी पहचान पत्रों का उपयोग करके खोला जाता था ताकि पीड़ितों से हड़पी राशि को निकालने के बाद इन्हें फौरन बंद किया जा सके। इसकी वजह से अपराधियों को पकड़ पाना मुश्किल हो जाता है।
सीबीआई के इनीशियल रिजल्ट से पता चला है कि कुछ बैंक ऑफिसर्स, ई-फ्रेंड एजेंट और अन्य बिचौलिये भी इन धोखेबाजों के साथ एक्टिव रुप से मिले हो सकते हैं, जिन्होंने अकाउंट खोलने और अवैध निकासी को अंजाम देने में मदद की।
सीबीआई के प्रवक्ता ने बताया कि जांच के दौरान कई बैंकों में प्रणालीगत खामियां उजागर हुई हैं। देशभर में फैली 700 से अधिक शाखाओं में लगभग 8.5 लाख फर्जी खाते उचित केवाईसी मानदंडों, ग्राहक की जांच, या प्रारंभिक जोखिम मूल्यांकन के बगैर खोल दिए गए थे। इसके साथ ही कई बैंक शाखा प्रबंधक संदिग्ध लेनदेन का अलर्ट मिलने पर भी गंभीरता से ध्यान देने में विफल रहे। सीबीआई ने ग्राहक के पते की प्रामाणिकता की पुष्टि न करने जैसी खामियां भी पाई हैं।
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इस जांच के बाद सीबीआई ने क्रिमिनल साजिश, धोखाधड़ी, जालसाजी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत बैंक ऑफिसर्स के खिलाफ आपराधिक कदाचार को लेकर एक प्राथमिकी दर्ज की है। तलाशी अभियान के दौरान आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य, मोबाइल फोन, बैंक खाता खोलने के दस्तावेज और लेनदेन के विवरण जब्त किए गए हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)