चीनी अर्थव्यवस्था (सौ. सोशल मीडिया )
बीजिंग: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अक्सर चीन को आड़े हाथों लेते हुए नजर आते हैं। हाल ही में ट्रंप ने चीन पर 145 प्रतिशत टैरिफ लगाने का फैसला लिया था। वर्तमान समय में चीन के नेताओं ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्रेड वॉर से होने वाले असर को कम बताते हुए कहा है कि उनके देश के पास नौकरियां बचाने और चीनी एक्सपोर्ट पर हाई टैरिफ से होने वाले नुकसान को लिमिटेड करने की क्षमता है।
सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के कई सीनियर ऑफिसर्स ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन किए। इनमें की गईं बातों से पता चलता है कि सरकार का उद्देश्य कंपनियों और बेरोजगारों का समर्थन करना, आसान लोन टर्म्स और चीन से अमेरिकी इंपोर्ट पर 145 प्रतिशत तक के टैरिफ के असर का मुकाबला करने के लिए अन्य पॉलिसी के वादों के साथ विश्वास को बढ़ाना है। पिछले हफ्ते चीन के शक्तिशाली पोलित ब्यूरो की बैठक हुई थी। इसके बारे में विश्लेषकों ने कहा था कि बैठक में एक्सपोर्ट में मंदी के बाद भी ग्रोथ को पटरी पर बनाए रखने के उपायों पर ध्यान केंद्रित किया गया था।
ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स की प्रमुख अर्थशास्त्री लुईस लू ने रिपोर्ट में कहा है कि चीनी पॉलिसी मेकर्स बहुत ज्यादा सावधानी के साथ काम कर रहे हैं। अमेरिका और चीन के नेता शी चिनफिंग के बीच यदि कोई बातचीत हुई है तो उसकी स्थिति को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। ट्रंप ने पिछले हफ्ते कहा था कि वह टैरिफ के मुद्दे पर चीनी सरकार के साथ एक्टिव रूप से बातचीत कर रहे हैं जबकि अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने कहा कि बातचीत अभी शुरू होनी है।
देश की प्रमुख आर्थिक नियोजन एजेंसी राष्ट्रीय विकास व सुधार आयोग यानी एनडीआरसी के उप निदेशक झाओ शेनक्सिन ने कहा है कि वे हवा में बातें करते हैं, धमकाते हैं और अपनी बात से पलट जाते हैं। इससे हर किसी को एक बात और ज्यादा साफ तौर से समझ में आ जाती है कि तथाकथित रेसीप्रोकल टैरिफ ऐतिहासिक प्रवृत्तियों और इकोनॉमिक लॉ के विरुद्ध हैं। इंटरनेशनल ट्रेड नियमों व व्यवस्था को प्रभावित करते हैं और देशों के वैलिड राइट्स और हितों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाते हैं।”
मानव संसाधन एवं सामाजिक सुरक्षा उप मंत्री यू जियादोंग ने बीजिंग में संवाददाताओं को बताया कि पूरे एवं ऑब्जेक्टिव एनालिसिस से पता चलता है कि चीन की एम्पॉलयमेंट पॉलिसी सक्षम है। यू ने कहा कि सरकार कंपनियों को उनके कर्मचारियों को बनाए रखने में सहायता करने के लिए समर्थन बढ़ाएगी और बेरोजगारों के बीच उद्यमशीलता को भी प्रोत्साहन देगी।
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एनडीआरसी के उप निदेशक झाओ ने कहा कि अमेरिका से एनर्जी इंपोर्ट के बिना भी चीन का काम चला सकता है। साथ ही उन्होंने कहा है कि उद्यमों द्वारा अमेरिका से एनर्जी इंपोर्ट कम करने या बंद करने से हमारे देश की एनर्जी सप्लाई पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। चीन के केंद्रीय बैंक के डिप्टी गवर्नर ज़ू लान ने कहा कि पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ऋण देने को प्रोत्साहित करने के लिए आवश्यकतानुसार ब्याज दरों में कटौती करेगा तथा आरक्षित निधि आवश्यकताओं में ढील देगा। ज़ू ने कहा है कि रोजगार, उद्यम, मार्केट और अपेक्षाओं को स्थिर करने में मदद के लिए वृद्धिशील नीतियां सही समय पर पेश की जाएंगी।
(एजेंसी इनपुट के साथ)