रेसीप्रोकल टैरिफ (सौ. सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी के चलते भारत के लिए बड़ी खबर सामने आ रही है। कॉमर्स मिनिस्ट्री ने कहा है कि सरकार ने एक इंटर मिनिस्ट्रियल इंपोर्ट ग्रोथ मॉनिटरिंग ग्रुप का गठन किया है। ऐसा इसीलिए किया जा रहा है क्योंकि अमेरिका के चीन और वियतनाम जैसे कुछ देशों पर हायर टैरिफ लगाने से ये देश अपना माल अमेरिका भेजने की जगह भारत की ओर भेज सकते हैं।
मंत्रालय ने यह भी कहा कि अमेरिकी वस्तुओं पर चीन के जवाबी टैरिफ से भारत में अमेरिकी एग्री प्रोड़क्ट्स की आवक बढ़ सकती है। कॉमर्स डिपार्टमेंट में एडिशनल सेक्रेटरी एल सत्य श्रीनिवास ने यहां संवाददाताओं से कहा है कि टैरिफ से संबंधित ग्लोबल अनिश्चितताओं के साथ, जाहिर तौर पर इंपोर्ट में उछाल से संबंधित आशंकाएं बढ़ गई हैं। इस पर गौर करने के लिए इंपोर्ट ग्रोथ मॉनिटरिंग ग्रुप का गठन किया गया है।
उन्होंने कहा कि अगर किसी असामान्य ग्रोथ की सूचना मिलती है, तो कॉमर्स मिनिस्ट्री डंपिंग-रोधी या रक्षोपाय यानी सेफगार्ड टैरिफ लगाने जैसी कार्रवाई कर सकता है। उन्होंने कहा कि समूह वस्तुओं और देशों के अनुसार वीकली और मंथली रुझानों की निगरानी कर रहा है।
श्रीनिवास ने कहा है कि अगर कोई असामान्य उछाल है, तो हम इसके कारणों को समझना चाहेंगे। इस समूह में कॉमर्स डिपार्टमेंट, डीजीएफटी यानी विदेश व्यापार महानिदेशालय, सीबीआईसी यानी केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड और उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग यानी डीपीआईआईटी के प्रतिनिधि शामिल हैं। जरूरत पड़ने पर अन्य मंत्रालयों के ऑफिसर्स से भी कंसल्ट किया जा रहा है।
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मिनिस्ट्री के अनुसार, हाल ही में किए गए एक आकलन में ग्लोबल ट्रेड स्ट्रेस के बीच जवाबी टैरिफ के कारण भारत में माल की डंपिंग के रिस्क पैदा हो गए हैं। इसके अनुसार, अमेरिका में बढ़ती लागत के कारण चीन, वियतनाम और इंडोनेशिया जैसे देशों के एक्सपोर्टर भारत में माल भेज सकते हैं। गौरतलब है कि अमेरिका ने चीनी वस्तुओं पर 145 प्रतिशत का भारी टैरिफ लगाया है। जवाबी कार्रवाई में चीन ने भी अमेरिकी वस्तुओं पर 125 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जिससे ट्रेड वॉर शुरू हो गया है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)