बांग्लादेश हिंसा ( सौजन्य : सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : पड़ोसी देश बांग्लादेश में हालात बद से बदतर होते हुए नजर आ रहे है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसिना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है और इस्तीफा देने के बाद उन्होंने देश भी छोड़ दिया है। शेख हसिना के ऐसा करने के बाद बांग्लादेश की परिस्थिति बिगड़ती हुई देखी जा सकती है।
बांग्लादेश में हो रही इस हिंसा का असर भारतीय कंपनियों पर भी होता दिख रहा है। भारत की कुछ प्रमुख कंपनियों का मुख्य कारोबार बांग्लादेश में है। डाबर और ट्रेंट जैसी कंपनियों की बांग्लादेश में सप्लाई चेन कंपोनेंट में अहम हिस्सेदारी है।
भारत की कुछ बड़ी कंपनियों ने बांग्लादेश में निवेश किया है। जिसमें मैरिको, इमामी, डाबर, एशियन पेंट्स, पिडिलाइट, गोदरेज, सन फार्मा, टाटा मोटर्स और हीरो मोटोकॉर्प जैसी प्रमुख कंपनियों का नाम शामिल है। बांग्लादेश पर संकट गहराने से इन कंपनियों के व्यापार पर सीधा असर होता हुआ नजर आ रहा है।
बांग्लादेश में हो रही अशांति का सबसे ज्यादा फायदा भारत के कपड़ा उद्योग को हो सकता है, ये भारत के लिए एक अवसर के रुप में साबित हो सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार पता चला है कि बांग्लादेश में हो रही इस हिंसा के कारण भारत के कपड़ा उद्योग में 10 प्रतिशत तक की बढ़त देखने को मिल सकती है। बांग्लादेश में हो रही इस हिंसा के कारण अमेरिका तथा यूरोप जैसे देशों के प्रमुख ब्रांडों का भारत पर भरोसा बढ़ सकता है। ये भारत के कपड़ा व्यापार के लिए सबसे अधिक फायदेमंद हो सकता है।
बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) एशिया की सबसे बड़ी बीमा कंपनी है। इस बीमा कंपनी ने बांग्लादेश में मौजूद अपने सभी ऑफिस को 7 अगस्त तक बंद रखने का ऐलान किया है। एलआईसी ने एक फाइलिंग में बताया है कि, ” बांग्लादेश के हालात देखते हुए कंपनी ने एलआईसी ऑफ बांग्लादेश लिमिटेड का ऑफिस 05 अगस्त 2024 से 07 अगस्त 2024 तक बंद रखने का निर्णय लिया है। ”
डाबर, जीसीपीएल और ब्रिटानिया जैसी बड़ी एफएमसीजी कंपनियों का 5 प्रतिशत से अधिक रेवेन्यू बांग्लादेश से आता है। ऐसे में इस हिंसा का इन बिजनेस पर भारी असर होता हुआ दिख सकता है। देश की लगेज कंपनी VIP लगेज के बांग्लादेश में 8 8 मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट है, जिससे करीब 30 से 35% क्षमता का व्यापार बांग्लादेश से होता है। बांग्लादेश में हो रही इस हिंसा के कारण ये भी प्रभावित हो सकता है।