राजद नेता तेजस्वी यादव (फोटो- सोशल मीडिया)
पटना: बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने चुनावी पारदर्शिता को लेकर गंभीर सवाल खड़े करते हुए दावा किया है कि बीजेपी की आईटी सेल को चुनाव आयोग की घोषणाओं से पहले ही तारीखों की जानकारी होती है। उन्होंने आरोप लगाया कि देश की लगभग सभी संवैधानिक संस्थाएं अब एक खास राजनीतिक दल के हित में काम कर रही हैं। तेजस्वी ने कहा कि अगर संस्थाएं निष्पक्ष नहीं रहीं तो लोकतंत्र कमजोर होगा और आम जनता का भरोसा टूटेगा। उन्होंने लोगों से सचेत रहने की अपील भी की।
तेजस्वी यादव ने अपने बयान में न सिर्फ केंद्र सरकार पर निशाना साधा, बल्कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आरोपों का समर्थन भी किया। उन्होंने कहा कि राहुल ने जो बात महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में “मैच फिक्सिंग” को लेकर कही, उसमें सच्चाई है। साथ ही 2020 के बिहार चुनाव का जिक्र करते हुए तेजस्वी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने जानबूझकर मतगणना रोकी थी और राजद के कई विजयी उम्मीदवारों को रातों-रात हारा हुआ घोषित कर दिया गया।
बीजेपी पर संस्थागत नियंत्रण का आरोप
तेजस्वी ने कहा कि 2014 के बाद से देश की संवैधानिक संस्थाएं निष्पक्ष नहीं रह गई हैं। उन्होंने दावा किया कि चुनाव की तारीखें बीजेपी आईटी सेल को पहले से मालूम हो जाती हैं, जो एक गंभीर संकेत है। उन्होंने जनता से आग्रह किया कि वे जागरूक रहें क्योंकि लोकतंत्र की नींव पारदर्शिता और निष्पक्षता पर टिकी होती है।
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राहुल गांधी को विपक्ष का समर्थन
तेजस्वी यादव ने राहुल गांधी के उस लेख का समर्थन किया जिसमें उन्होंने चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा कि अगर आयोग स्वतंत्र रूप से कार्य नहीं करेगा तो लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भरोसा नहीं रह जाएगा। राहुल के आरोपों को विपक्ष के अन्य नेताओं ने भी समर्थन दिया है, जबकि सत्ता पक्ष ने इन दावों को फर्जी करार देते हुए नकार दिया है। बता दें राहुल गांधी ने अभी हाल ही में एक लेख प्रकाशित किया है जिसमें उन्होंने इलेक्शन कमीशन की भूमिका पर गंभीर प्रश्न चिन्ह खड़े किये थे।