अमित शाह, तेजस्वी यादव (फोटो-सोशल मीडिया)
पटना: राजद नेता तेजस्वी यादव ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर देश की रक्षा करते हुए जान गंवाने वाले अर्धसैनिक बल के जवानों को शहीद का दर्जा देने का आग्रह किया है। यादव ने 14 मई का पत्र मंगलवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा किया। उन्होंने अर्धसैनिक बलों के जवानों के लिए भी भारतीय सशस्त्र बलों के समान ‘‘सम्मान, मान्यता और सुविधाओं” की मांग की।
तेजस्वी ने पत्र में लिखा ‘‘सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, एसएसबी, और असम राइफल्स के जवान आंतरिक सुरक्षा बनाए रखने, आतंकवाद से लड़ने और देश की सीमाओं की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।” राजद नेता ने यह भी दावा किया कि जब ये कर्मी सर्वोच्च बलिदान देते हैं तो उनके परिवार के सदस्यों को ‘‘सेना, नौसेना और वायुसेना के समान मुआवजा एवं सम्मान नहीं मिलता”।
‘सेना के सामान मिले अर्धसैनिक बलों को सम्मान’
तेजस्वी ने इसे अनुचित और भेदभावपूर्ण बताते हुए लिखा कि अर्धसैनिक बलों के शहीदों को भी वही सम्मान और लाभ मिलना चाहिए जो नियमित सशस्त्र बलों को मरणोपरांत मिलता है। दोनों बल समान रूप से योगदान करते हैं। केंद्र सरकार को अर्धसैनिक बलों के शहीदों को ‘युद्ध हताहत’ घोषित करना चाहिए ताकि उनके परिवारों को अधिक मुआवजा और लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि अर्धसैनिक बलों के परिवार के सदस्यों को भी नौकरी, पेंशन और शिक्षा सहायता सहित सरकारी सहायता मिलनी चाहिए।
‘गृहमंत्री तत्काल नीति में करें बदलाव’
राजद नेता ने मृतक कर्मियों के परिजनों के लिए उदार पेंशन योजना के क्रियान्वयन और समान जोखिमपूर्ण परिस्थितियों में काम करने वाले अर्धसैनिक बलों के कर्मियों को भी ‘वन रैंक वन पेंशन’ (ओआरओपी) की सुविधा देने की मांग की। यादव ने पत्र में लिखा, ‘‘मैं केंद्रीय गृह मंत्री से आग्रह करता हूं कि वह तत्काल आधार पर मौजूदा नीति में बदलाव करें और केंद्र सरकार को सभी सुरक्षाबलों के लिए समानता, सम्मान और न्याय सुनिश्चित करना चाहिए।” उन्होंने कहा कि राज्य से ताल्लुक रखने वाले अर्धसैनिक बलों के कई कर्मियों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान कर्तव्य निभाते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया।
मनोज झा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी जानकारी
राजद प्रवक्ता मनोज झा ने केंद्रीय गृह मंत्री को लिखे यादव के पत्र पर यहां एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया। झा ने ‘पीटीआई वीडियो’ से बात की और पहलगाम हमले के मद्देनजर आतंकवाद से लड़ने के लिए भारत की राष्ट्रीय सहमति तथा दृढ़ दृष्टिकोण को प्रदर्शित करने के लिए विदेश यात्रा करने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के लिए चुने गए नेताओं की पसंद के विवाद पर अपने विचार साझा किए। राजद नेता ने कहा, ‘‘विदेशों में प्रतिनिधिमंडल भेजना बहुत जरूरी था। हमने देखा कि कई देश जिनकी हमने मदद की थी, उन्होंने मित्रवत व्यवहार नहीं किया। ‘भारत एक विचार है’ की फिर से पुष्टि करने की जरूरत थी।”