प्रशांत किशोर व नीतीश कुमार (डिजाइन फोटो)
Bihar Assembly Elections: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने अपनी पार्टी “जन सुराज” की चुनावी रणनीति को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है। प्रशांत किशोर ने साफ कर दिया है कि वह खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे बल्कि केवल रणनीतिकार और निर्णयकर्ता की भूमिका निभाएंगे।
जन सुराज पार्टी ने घोषणा की है कि वह बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार, प्रशांत किशोर का मानना है कि उनकी मुख्य भूमिका बदलाव की जमीनी राजनीति को दिशा देना है न कि केवल अलग-अलग सीटों पर चुनाव लड़ने तक सीमित रहना।
प्रशांत किशोर अब पर्दे के पीछे रहकर पार्टी की रणनीति बनाने, उम्मीदवारों के चयन और चुनाव अभियान का निर्देशन करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। जन सुराज की यह रणनीति प्रमुख गठबंधनों (एनडीए और महागठबंधन) के लिए एक नई चुनौती पेश कर सकती है।
दरअसल, 243 सीटों पर प्रशांत किशोर के उम्मीदवार दोनों गठबंधनों के वोट बैंक में सेंध लगाने की क्षमता रखते हैं। प्रशांत किशोर के इस फैसले से साफ है कि वह बिहार में ‘वोट कटवा’ की नहीं, बल्कि एक मजबूत राजनीतिक विकल्प की नींव रखना चाहते हैं।
इससे पहले प्रशांत किशोर ने साफ तौर पर कहा था कि यदि नीतीश कुमार चुनावी मैदान में उतरते हैं तो वह खुद भी चुनाव जरूर लड़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि जिस सीट से नीतीश कुमार चुनावी मैदान में उतरेंगे वह भी वहीं से ताल ठोकेंगे।
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पीके ने यह भी कहा था कि आखिरी निर्णय पार्टी का होगा, लेकिन नीतीश कुमार के लड़ने पर वह पार्टी के न कहने पर भी चुनाव लड़ेंगे। नीतीश कुमार के चुनाव लड़ने की संभावनाएं भी कम हैं। लेकिन अब यदि नीतीश कुमार चुनावी मैदान में आ जाते हैं तो पीके क्या करेंगे?
इसके साथ ही जब उनसे राघोपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने को लेकर सवाल किया गया था, तब उन्होंने कहा था कि प्रशांत किशोर पार्टी से बढ़कर नहीं हैं। उनकी पार्टी जहां से कहेगी, वे वहां से चुनाव लड़ेंगे और इस पर अंतिम निर्णय पार्टी का ही होगा। लेकिन अब जन सुराज पार्टी ने ऐलान कर दिया है कि प्रशांत किशोर चुनाव नहीं लड़ेंगे।