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नवभारत डिजिटल डेस्क : आज यानी 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में 2025-26 का बजट पेश किया। इस दौरान उन्होंने बिहार के किसानों को बड़ी सौगात दी। केंद्रीय मंत्री ने मखाना के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना का ऐलान किया। माना जा रहा है कि यह घोषणा बिहार के किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगा और मखाना बोर्ड के गठन से किसानों को और भी ज्यादा फायदा होने वाला है।
मीडिया रिपोर्टेस के मुताबिक फिलहाल बिहार में करीब 35 हजार हेक्टेयर में मखाना की खेती की जाती है। ऐसे में इस पेशे से करीब 25 हजार किसान जुड़े हुए हैं। बिहार देश का सबसे ज्यादा मखाना पैदा करने वाला राज्य है। पिछले दिनों पटना में आयोजित मखाना महोत्सव में कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर मखाना के उत्पादन को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। सब्सिडी पहले से ही दी जा रही है। हमारा लक्ष्य है कि अगले दो-तीन साल में 50-60 हजार हेक्टेयर में इसकी खेती हो और 50 हजार किसान मखाना की खेती से जुड़ें।
मखाना बोर्ड के गठन से मखाना प्रोसेसिंग करने वाली कंपनियों को फायदा होगा और मखाना की खेती और बाजार को ज्यादा लाभ मिलेगा। बिहार सरकार मखाना को हर थाली तक पहुंचाने की कोशिश कर रही है। बोर्ड के गठन के बाद आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल कर मखाना के उत्पादन और प्रसंस्करण को बढ़ावा दिया जाएगा।
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मखाना की खेती पूरे बिहार में नहीं होती, लेकिन उत्तरी और पूर्वी बिहार में मखाना की खेती होती है। मधुबनी, दरभंगा, पूर्णिया, कटिहार, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, अररिया, सीतामढ़ी और किशनगंज जिलों में मखाना की खेती होती है। बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। पहले से ही उम्मीद जताई जा रही थी कि केंद्र सरकार बिहार को बड़ी सौगात देगी, जो मखाना बोर्ड के गठन के रूप में दे दी गई है।






