जनसुराज पार्टी के मुखिया प्रशांत किशोर (फोटो सोर्स- सोशल मीडिया)
Bihar Badlav Rally: जनसुराज पार्टी की ओर से पूर्णिया जिले के कसबा विधानसभा के गढबनैली में बिहार बदलाव की रैली आयोजित की गई। इस बिहार बदलाव रैली में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। इस रैली की सबसे खास बात यह रही कि, आयोजित जनसभा में महिलाओं की उपस्थिति सबसे ज्यादा रही। महिलाओं की जुटी यह भीड़ राजनीतिक दृष्टिकोण से एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।
हालांकि, इस उत्साहपूर्ण भागीदारी के बावजूद एक चौंकाने वाली सच्चाई भी सामने आई है। रैली में एकत्रित भीड़ में से आधे से ज्यादा लोगों को पता ही नहीं था कि मंच पर भाषण देने वाला नेता आखिर कौन है?
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार, बिहार बदलाव रैली में आईं महिलाओं को मंच पर भाषण दे रहे जनसुराज पार्टी के मुखिया प्रशांत किशोर के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने प्रशांत किशोर का भाषण तो सुना, लेकिन उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि नेता का नाम क्या है और वे किस पार्टी से हैं? कई महिलाओं ने कहा कि उन्होंने प्रशांत किशोर का नाम तो सुना है, लेकिन वे उन्हें पहचान नहीं पाईं। कुछ ने कहा कि जो बोले वो अच्छा बोले, परंतु हमें उनकी पार्टी का नाम तक नहीं पता।
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पूर्णिया की रहने वाली बीबी रबीना खातून, ने कहा, “हमने तो भाषण सुन लिया लेकिन नेता का नाम हमें नहीं पता।”
इसी तरह हीना खातून (कसबा) ने भी यही बात दोहराई, “हां, भाषण तो अच्छा था, पर किसका था ये नहीं मालूम? जनसुराज पार्टी सुनी है, लेकिन नेता का नाम नहीं पता।” मंच पर प्रशांत किशोर खुद मौजूद थे और उन्होंने ही भाषण दिया था, लेकिन यह जानकारी वहां मौजूद अधिकांश लोगों को नहीं थी। कुछ लोगों को पार्टी का नाम तो मालूम था, लेकिन प्रमुख नेता के नाम से वे अनजान थे।
स्थानीय दुकानदार रतन ठाकुर और मो. इमाम से जब सवाल किया गया कि सभा में कौन बोल रहा था, तो वे भी न पार्टी का नाम बता पाए और न ही नेता की पहचान कर सके। हालांकि, कुछ महिलाओं ने जनसुराज और प्रशांत किशोर का नाम जरूर लिया, लेकिन जब यह पूछा गया कि आज यहां कौन भाषण देने आया है, तो वे भी भ्रमित नजर आईं।