तेजस्वी यादव(फोटो-सोशल मीडिया)
Bihar News: बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन (SIR) को लेक सियासत गर्मायी हुई है। इस बीच निर्वाचन कार्ड विवाद में तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। नेता प्रतिपक्ष व पूर्व डिप्टी सीएम के खिलाफ दो-दो निर्वाचन कार्ड रखने के मामले में FIR दर्ज हुई है। यादव के खिलाफ पटना के वकील राजीव रंजन ने दीधा थाने में शिकायत दर्ज करवाई है। शिकायतकर्ता ने दो निर्वाचन कार्ड रखने के मामले में जांच की मांग की है। वहीं पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
बिहार में SIR के बाद चुनाव आयोग ने पिछले दिनों संशोधित वोटर लिस्ट जारी की थी। नई वोटर लिस्ट में करीब 65 लाख मतदाताओं की छटनी की गई है। नई वोटर लिस्ट पर सवाल उठाते हुए तेजस्वी यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, जिसमें उन्होंने कहा कि मेरा और मेरी पत्नी का नाम वोटर लिस्ट से कट गया है। अब मैं चुनाव कैसे लड़ूंगा।
तेजस्वी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद चुनाव आयोग एक्टिव हुआ। इसके बाद आयोग ने तेजस्वी यादव की नाम वोटर लिस्ट सोशल मीडिया पर शेयर की। चुनाव आयोग पर फिर तेजस्वी ने पलटवार करते हुए कहा कि मेरा EPIC नंबर बदल गया है। मैंने अपने EPIC नंबर से अपना नाम सर्च किया तो नॉट फाउंड लिखकर आया था। उन्होंने कहा कि यदि मेरा EPIC नंबर चेंज हुआ है तो बिहार में कितने लोगों का EPIC नंबर चेंज किया गया है। चुनाव आयोग को बताना चाहिए।
हालांकि, विवाद तब और ज्यादा बढ़ गया, जब तेजस्वी यादव के नाम पर दो ईपीआईसी नंबर होने की बात सामने आने लगी। तेजस्वी ने कहा था कि जिस ईपीआईसी नंबर वाले वोटर कार्ड से पिछले लोकसभा चुनाव में वोट किया था, वो ईसीआई की लिस्ट में नहीं है। वहीं, आयोग ने दूसरे ईपीआईसी नंबर के साथ नाम दर्ज होने का दावा किया। ऐसे में दो-दो वोटर आई कार्ड होने से तेजस्वी की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
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इस मुद्दे पर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा, “अगर दो मतदाता पहचान पत्र जारी किए जा रहे हैं, तो चुनाव आयोग को इसका जवाब देना चाहिए। उन्होंने दावा किया था कि उचित सत्यापन और जांच के बाद कार्ड जारी किए गए थे, तो अब दो कार्ड कैसे जारी हो गए?” उन्होंने कहा, “लोकसभा और राज्यसभा का उद्देश्य तभी सार्थक है, जब लोकतंत्र जीवित हो। अगर लोकतंत्र मर गया, तो लोकसभा और राज्यसभा का कोई महत्व नहीं रह जाएगा। दुर्भाग्य से, चुनाव आयोग लोकतंत्र को कमजोर कर रहा है।”-एजेंसी इनुपट के साथ