जन सुराज के पोस्टर वाली गाड़ी में मिली शराब, फोटो: सोशल मीडिया
पटना: भाजपा के बिहार प्रदेश मीडिया प्रभारी दानिश इकबाल ने आशंका जताते हुए कहा कि बिहार में शराबबंदी हटाने के पीछे कोई ‘गहरी साजिश’ रची जा रही है। कहा जा रहा है कि 20 करोड़ की डील के बाद शराबबंदी हटाने का वादा किया गया है।
इकबाल ने तंज कसते हुए कहा, “कुछ लोग ‘जन सुराज’ नहीं, शायद ‘जनकुशासन’ की स्क्रिप्ट लिखने में लगे हैं। हाल ही में कुछ चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जो इशारा करते हैं कि बिहार में शराबबंदी हटाने की कथित योजना के पीछे बड़े वित्तीय लेन-देन और शराब माफिया की गहरी पैठ हो सकती है। जन सुराज की एक गाड़ी से शराब की बोतल का मिलना, ‘साउथ ग्रुप’ से करोड़ों की कथित पेशगी, एनजीओ के ज़रिए संदिग्ध फंड ट्रांसफर की चर्चा इसमें शामिल है।”
मीडिया प्रभारी दानिश इकबाल ने कहा कि इन सभी बातों ने बिहार की जनता को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या यह सब किसी बड़ी साजिश का हिस्सा है? उन्होंने कहा, “कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, जॉय ऑफ गिविंग ग्लोबल फाउंडेशन नामक एनजीओ और एनरिका इंटरप्राइजेज जैसी शेल कंपनियों के माध्यम से शराबबंदी को खत्म करने की आर्थिक तैयारी पहले से ही की जा रही थी। यह भी सामने आ रहा है कि जिन कंपनियों से पैसा जुड़ा हुआ है, उनके संचालक सीधे तौर पर शराब कारोबार से जुड़े हुए हैं।”
जन सुराज पार्टी के भी सुराग मिलने शुरू हो गए हैं 😂 pic.twitter.com/5sLWZJaNjG — SP Mishra (@spm694) July 20, 2025
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, “अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या बिहार में शराबबंदी हटाने का वादा ‘जनहित’ में था या ‘शराब माफिया’ के हित में? बातें बेहद गंभीर हैं और सबूतों की परतें धीरे-धीरे खुल रही हैं। बहुत जल्द इन तमाम कड़ियों को जोड़कर पूरी सच्चाई बिहार की जनता के सामने लाई जाएगी।”
आपको बता दें कि रोहतास के काराकाट के जोरावरपुर गांव में शुक्रवार को ट्रक और बोलेरो के बीच जोरदार टक्कर हुई थी। हादसे की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने जब बोलेरो की तलाशी ली तो गाड़ी के अंदर भारी मात्रा में अवैध शराब लदी हुई थी। गाड़ी पर जन सुराज का पोस्टर भी लगा हुआ था। इसके बाद पुलिस ने बोलेरो और अवैध शराब को जब्त कर लिया।
आईएएनएस इनपुट के साथ