बिहार के सीएम नीतीश कुमार व पीएम नरेन्द्र मोदी (सौजन्य- सोशल मीडिया)
पटना : ऑपरेशन सिंदूर के बाद विधानसभा चुनाव कराने वाला बिहार पहला राज्य बन गया है। बिहार में अक्टूबर-नवंबर महीने में बिधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में ऑपरेशन सिंदूर के बाद पीएम मोदी पहली बार दो दिवसीय दौरे पर बिहार पहुंचे हैं।
पीएम मोदी के इस दौरे की खास बात यह रही है कि जिस शाहाबाद-मगध में BJP की हार हुई, वहीं पहुंचकर पीएम मोदी ने बिहार वालों को 48.50 हजार करोड़ रुपये की बड़ी सौगात दी है। फरवरी 2025 के बाद पीएम मोदी का यह तीसरा बिहार दौरा है। लेकिन, ऑपरेशन सिंदूर के बाद पीएम मोदी का यह पहला बिहार दौरा है।
दिल्ली विधानसभा 2025 में 27 सालों बाद वापसी करने के बाद बीजेपी अब पूरी तरह से बिहार विधानसभा चुनाव पर फोकस कर रही है और इसके लिए पहले से अगले लेवल की स्ट्रैटजी तैयार की जा रही है। बिहार में बीजेपी लीड एनडीए गठबंधन को पूरा विश्वास है कि इस बार के बिहार चुनाव में 243 सीटों में से 225 से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज करेगी।
हालंकि, 2024 के लोकसभा चुनाव और 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में मगध-शाहबाद बेल्ट भाजपा के लिए कुछ खास साबित नहीं हुआ। 2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए को अपनी 10 सीटें गवानी पड़ी थी, जिसमें से 7 सीटों से इसी बेल्ट में हाथ धोना पड़ा था।
शाहाबाद में चार लोकसभा सीट है, जिसमें आरा, सासाराम, काराकाट, बक्सर शामिल है। मगध में भी चार लोकसभा सीट है, जिसमें पटना, औरंगाबाद, गया, जहानाबाद और नवादा शामिल है। दशकों से शाहाबाद भूमिहीन मजदूरों और बड़े भूस्वामियों के बीच सामाजिक संघर्षों का केंद्र रहा है।
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शाहाबाद-मगध क्षेत्र में 55 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से एनडीए केवल 10 सीटें ही जीत पाई। इन 10 सीटों में से भाजपा ने पांच सीटें जीतीं, जबकि बाकी पर सहयोगी दलों ने जीत दर्ज की। बीजेपी सूत्रों ने न्यूज18 को बताया कि पाया गया कि न केवल विधानसभा और लोकसभा सीटों का पिछला रिकॉर्ड बीजेपी के लिए प्रतिकूल रहा है, बल्कि बिहार के पूरे मगध-शाहबाद बेल्ट में सत्ता विरोधी लहर भी है, जिसमें बिक्रमगंज भी शामिल है। बिहार में मुख्य लड़ाई राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और राष्ट्रीय जनता दल के नेतृत्व वाले महागठबंधन के बीच होने वाली है।