नीतीश कुमार, (मुख्यमंत्री, बिहार)
पटना: बिहार में सीएम, मंत्रियों और कर्मचारियों की सैलरी का भुगतान नहीं हो सका है। इसके पीछे की वजह है तकनीकी समस्या। दरअसल, कंप्रिहेंसिव फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम (CFMS)में गड़बड़ी के कारण मुख्यमंत्री से लेकर कर्मचारी तक का सैलरी अटका हुआ है। इस साल के पहले महीने यानी की जनवरी 2025 में बिहार सरकार ने वेतन और बिल के भुगतान के लिए नया सॉफ्टवेयल लॉन्च किया था, हालांकि, यह ठीक से काम नहीं कर पा रहा है। नए सॉफ्टवेयर के लॉन्चिंग के तकरीबन 20 दिन से अधिक समय होने के बाद ये इस सिस्टम को ठीक नहीं किया जा सका है।
आपको बता दें कि बिहार सरकार का फाइनेंशियल वर्क कंप्रिहेंसिव फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम ( CFMS) से किया जाता है। इस सुविधा के जरिए ही सारे बिलों का भुगतान और वेतन का भुगतान किया जाता है। लेकिन, अब इसमें खराबी के कारण बिल और सैलरी के भुगतान में काफी समस्या आ रही है। सीएमएफएस में लगातार खराबी का मामला सामने आने के बाद केंद्र सरकार के आदेश पर सीएफएस का अपडेट वर्जन और नया सॉफ्टवेयल CFMS 2.o लगाया गया था जिसके कारण सीएम के साथ कई मंत्रियों का वेतन का भुगतान नहीं हो सका है।
इस सिस्टम में आई तकनीकी खामियों की वजह से कई अधिकारियों के वेतन के साथ-साथ उनके भत्ते का भी भुगतान नहीं हो सका है। सीएफएमएस में गड़बड़ी को लेकर बिहार सरकार के डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि इसे 7 दिनों ठीक कर लिया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने दावा किय कि CFMS में नई प्रक्रिया अपनाई गई है, तुरंत ठीक कर दिया जिया। अगले 7 दिन में इसे अपग्रेड कर दिया जाएगा। पूरा बदलाव कर नई व्यवस्था लागू की गई है। 31 जनवरी के पहले CFMS को ठीक कर लिया जाएगा। सम्राट चौधरी ने यह माना को CFMS में आई खराबी के कारण वेतन भुगतान में नहीं हो सका है। लेकिन, जल्द ही इसे ठीक कर लिया जाएगा और आगे इस तहर के समस्या नहीं आए इसे भी देखा जा रहा है।
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बिहार में कांप्रिहेंसिव फाइनेंसियल मैनेजमेंट सिस्टम (CFMS 2.o) व्यवस्था लागू की गई थी। इससे पहले सीएफएमएस 0.1 पर राज्य में योजनाओं की वित्तीय मंजूरी के साथ ही इन योजनाओं की प्रक्रिया चल रही थी। लेकिन सीएफएमएस एक और दो के बीच में कई विभागों का मामला फंस गया है। बिहार के आरा के वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय सहित कई विभागों के कर्मचारियों का वेतन एवं पेंशन लटका हुआ है। इससे किसी का इलाज रुक गया है तो कोई बैंक से लिए गए लोन का सही समय से नहीं भर पा रहा है। बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। जिले में ट्रेजरी के माध्यम से होने वाले वेतन भुगतान को लेकर अधिकारी और कर्मचारी परेशान हैं।