अवध बिहारी चौधरी, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Awadh Bihari Chaudhary Siwan: बिहार विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता और बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने सिवान सदर (105) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से महागठबंधन के उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है।
अवध बिहारी चौधरी, जिन्हें अवध बिहारी यादव के नाम से भी जाना जाता है, राजद के सबसे वरिष्ठ राजनेताओं में से एक हैं और इससे पहले राबड़ी देवी सरकार में बिहार के शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं। वह सिवान निर्वाचन क्षेत्र से जनता दल और राजद के सदस्य के रूप में पाँच बार चुने जा चुके हैं।
नामांकन पत्र के साथ दाखिल किए गए हलफनामे के अनुसार, अवध बिहारी चौधरी ने अपनी संपत्ति का विवरण भी सार्वजनिक किया है। उन्होंने बताया कि उनके पास करीब ₹2 लाख 10 हज़ार नकद राशि है। विभिन्न बैंक खातों में उनकी जमा राशि का विवरण देते हुए बताया है कि एसबीआई श्रीनगर शाखा में ₹41,896 और एसबीआई बिहार विधानमंडल शाखा में कुल ₹33 लाख 80 हज़ार 470 मौजूद हैं।
इसके अलावा, उनके पास ₹19 लाख 68 हज़ार की एक स्कॉर्पियो गाड़ी भी है। चौधरी द्वारा घोषित सकल संपत्ति की कुल राशि ₹93 लाख 67 हज़ार 255 है।
अवध बिहारी चौधरी का जन्म 17 अगस्त 1946 को हुआ था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक छात्र नेता के रूप में की थी। सर्वप्रथम, उन्होंने डीएवी कॉलेज सीवान के छात्र संघ के जनरल सेक्रेटरी पद का चुनाव जीता था। इसके बाद, वर्ष 1977 में, वह ग्राम पंचायत राज जियांय से मुखिया के पद पर निर्वाचित हुए थे, जो उनके राजनीतिक जीवन की औपचारिक शुरुआत मानी जाती है।
सीवान सदर विधानसभा क्षेत्र में उनकी लोकप्रियता और मजबूत पकड़ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह इस क्षेत्र से पांच बार विधायक निर्वाचित हो चुके हैं। उन्होंने पहली बार 1985 से लेकर 1990 तक लोकदल में रहते हुए एकीकृत जनता पार्टी के विधायक के रूप में सदन में अपनी सेवा दी। फिर वर्ष 1990 से 1995 तक दूसरी बार विधायक रहे। तीसरी बार वह वर्ष 1995 से 2000 तक विधायक रहे और चौथी बार वर्ष 2000 से 2005 तक सदन में विधायक के रूप में मौजूद रहे। इसके बाद पांचवीं बार पुन: 2020 में विधायक निर्वाचित हुए।
विधायक के रूप में अपनी विभिन्न पारियों के दौरान, अवध बिहारी चौधरी को महत्वपूर्ण सरकारी जिम्मेदारियां संभालने का अवसर मिला।
• दूसरी बार विधायक बनने पर (1990 से 1995 तक), वह बिहार राज्य वित्त निगम के अध्यक्ष रहे, एक पद जिसे कैबिनेट मंत्री के समतुल्य माना जाता है।
• तीसरी बार विधायक चुने जाने पर (1995 से 2000 तक), उन्होंने लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री के पद पर कार्य किया।
• चौथी बार विधायक चुने जाने पर (2000 से 2005 तक), उन्होंने ग्रामीण विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य किया। इस दौरान, उन्हें परिवहन तथा खाद्य आपूर्ति मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभालने का दायित्व भी मिला था।
• वह तत्कालीन सरकार की एक महत्वपूर्ण आर्थिक निर्णय समिति के मनोनीत सदस्य भी रहे, जिसके सदस्य सिर्फ कैबिनेट मंत्री बनाए जाते थे।
अवध बिहारी चौधरी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के भीतर लालू परिवार के बेहद करीबी माने जाते हैं। इसीलिए उनको विधानसभा अध्यक्ष का पद सौंपा गया। हालांकि नवंबर 2020 में हुए विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव में, महागठबंधन ने उन्हें प्रत्याशी घोषित किया था, लेकिन उस समय वह निर्वाचित नहीं हो पाए थे। उस चुनाव में विपक्ष के अवध बिहारी चौधरी को 114 मत मिले थे, जबकि विजय कुमार सिन्हा 126 मतों के साथ अध्यक्ष बने थे।
76 वर्षीय अवध बिहारी चौधरी सीवान में अपनी विनम्रता और शांत स्वभाव के कारण बेहद लोकप्रिय हैं। उनकी लोकप्रियता सीवान सदर विधानसभा क्षेत्र में बहुत ज्यादा रही है। उन्हें एक सर्वसुलभ नेता माना जाता है, जिनके दरवाजे सदैव आम जनता के लिए खुले रहते हैं। वह एक आम जनता के नेता के तौर पर जाने जाते रहे हैं, जिनकी सीवान की जनता के हर सुख-दुख में विशेष भागीदारी रहती आई है। उन्हें स्वच्छ छवि के राजनीतिज्ञ के रूप में भी जाना जाता है। अवध बिहारी चौधरी के विधानसभा अध्यक्ष निर्वाचित होने की खबर सुनते ही जिले के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई है।
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राजनीतिक और प्रशासनिक पदों के अलावा, चौधरी ने शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
• उन्होंने विद्या भवन महाविद्यालय की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
• उन्होंने जीव विज्ञान विभाग के Demonstrator के पद पर भी अपनी सेवा दी।
• इसके अलावा, उन्होंने दारोगा प्रसाद राय इंटर कॉलेज तथा दारोगा प्रसाद राय महाविद्यालय सहित सीवान सदर प्रखंड के अंतर्गत बघ्घड़ा में इंटर कॉलेज की स्थापना भी की।