Skoda-Volkswagen में क्या है परेशानी। (सौ. Freepik)
नवभारत ऑटोमोबाइल डेस्क: भारत में स्कोडा और फॉक्सवैगन ने मिलकर एक बड़ा रिकॉल अभियान शुरू किया है। स्कोडा काइलाक, स्लाविया और कुशाक के साथ-साथ फॉक्सवैगन वर्टस और ताइगुन जैसे लोकप्रिय मॉडलों को बाजार से वापस मंगाया जा रहा है। इसकी वजह है—रियर सीटबेल्ट में पाई गई एक गंभीर तकनीकी खामी।
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) को दी गई जानकारी के अनुसार, इस रिकॉल से कुल 47,235 यूनिट प्रभावित हुई हैं। इसमें फॉक्सवैगन वर्टस और टाइगुन की 21,513 यूनिट तथा स्कोडा कुशाक, स्लाविया और काइलाक की 25,722 यूनिट शामिल हैं। इन सभी गाड़ियों का निर्माण 24 मई 2024 से 1 अप्रैल 2025 के बीच महाराष्ट्र के चाकन स्थित प्लांट में हुआ था।
कंपनी ने एक आधिकारिक बयान में कहा, “सुरक्षा और गुणवत्ता के उच्च मानकों को बनाए रखने के लिए स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया संभावित सीटबेल्ट चिंता को दूर करने हेतु इन मॉडलों को वापस बुला रही है। हमारे अधिकृत सर्विस सेंटर ग्राहकों से संपर्क कर रहे हैं।”
कंपनी ने स्पष्ट किया है कि सीटबेल्ट बकल लैच प्लेट में ऐसी खामी है, जो टक्कर की स्थिति में टूट सकती है। साथ ही रियर सेंटर सीटबेल्ट की वेबिंग और राइट सीटबेल्ट के बकल के साथ फेल हो सकती है, जिससे पीछे बैठे यात्रियों की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
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कंपनी ने यह भी बताया कि इस तकनीकी खराबी को लेकर अब तक कोई दुर्घटना दर्ज नहीं हुई है। सभी प्रभावित ग्राहकों से संपर्क किया जा रहा है और यह मरम्मत पूरी तरह नि:शुल्क की जा रही है। ग्राहक अपनी कार का VIN नंबर स्कोडा या VW की भारतीय वेबसाइट पर दर्ज कर यह जान सकते हैं कि उनकी कार इस रिकॉल में शामिल है या नहीं।