EV और Hybrid कारों में क्या है अतंर। (सौ. Pixabay)
पूरी दुनिया अब पर्यावरण सुरक्षा के प्रति अधिक जागरूक हो चुकी है। प्रदूषण को कम करने के प्रयासों में सबसे बड़ी चिंता पारंपरिक ईंधन जैसे पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों को लेकर है। इन्हीं वजहों से अब वाहन निर्माता कंपनियां हाइब्रिड कारों की ओर रुख कर रही हैं, जो पेट्रोल और बैटरी दोनों पर चलती हैं।
हाइब्रिड कारें ऐसी गाड़ियां होती हैं जो पारंपरिक इंजन (पेट्रोल/डीजल) के साथ इलेक्ट्रिक मोटर का भी इस्तेमाल करती हैं। ये गाड़ियां चलते समय खुद-ब-खुद बैटरी चार्ज कर लेती हैं, जिससे बार-बार चार्जिंग की जरूरत नहीं पड़ती। “यह तकनीक ईंधन की खपत को घटाती है और बेहतर माइलेज देती है। साथ ही पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित है।”
HSBC ग्लोबल रिसर्च के अनुसार, हाइब्रिड कारों ने भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को भी बूस्ट किया है। जनवरी से जुलाई 2024 के बीच हाइब्रिड कारों की बिक्री में 27% की वृद्धि दर्ज की गई। टोयोटा ने अकेले 7007 स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड कारें बेचीं, जो पिछले साल की तुलना में 128% ज्यादा है। वहीं, मारुति सुजुकी, होंडा और अन्य ब्रांड भी इस तकनीक को तेजी से अपना रहे हैं।
भारत में EV इंफ्रास्ट्रक्चर अभी पूरी तरह विकसित नहीं हुआ है। चार्जिंग स्टेशनों की कमी और उच्च कीमत के चलते इलेक्ट्रिक कारें सभी के लिए व्यावहारिक नहीं बन पाई हैं। इसके मुकाबले, हाइब्रिड कारें ज्यादा किफायती, भरोसेमंद और सुविधा जनक विकल्प बन कर उभरी हैं।
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