Government की Taxi सेवा से होगा काफी फायदा। (सौ. AI)
नवभारत ऑटोमोबाइल डेस्क: भारत सरकार ने 27 मार्च 2025 को ‘सहकारी टैक्सी’ सेवा शुरू करने की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य बाइक, कैब और ऑटो सेवाओं को सरकार के नियंत्रण में लाना है। इस नई पहल से निजी कंपनियों जैसे ओला, उबर और रैपिडो को कड़ी प्रतिस्पर्धा मिलेगी।
गृह मंत्री अमित शाह ने इस योजना का ऐलान करते हुए कहा, “इस सेवा से होने वाला लाभ किसी बड़े उद्योगपति को नहीं मिलेगा, बल्कि वाहन चालकों को मिलेगा।” सरकार की इस पहल का उद्देश्य ड्राइवरों को सीधा फायदा पहुंचाना है, जिससे वे अपनी मेहनत की पूरी कमाई खुद रख सकें।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में इस नई योजना की घोषणा करते हुए कहा कि ‘सहकारी टैक्सी’ सेवा देशभर में दोपहिया टैक्सियों, ऑटो-रिक्शा और चार पहिया टैक्सियों का पंजीकरण करेगी। उन्होंने बताया कि इस सेवा को जल्द ही पूरे देश में लागू किया जाएगा।
अमित शाह ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘सहकार से समृद्धि’ केवल एक नारा नहीं है, बल्कि इसे साकार करने के लिए सहकारिता मंत्रालय ने पिछले साढ़े तीन वर्षों में दिन-रात काम किया है।”
सरकारी टैक्सी सेवा की सबसे बड़ी खासियत यह होगी कि ड्राइवरों की पूरी कमाई उन्हीं के पास रहेगी और इसमें किसी भी बड़ी प्राइवेट कंपनी का हस्तक्षेप नहीं होगा। निजी कंपनियों के विपरीत, यह सरकारी सेवा ड्राइवरों को बेहतर वित्तीय सुरक्षा और सुविधाएं प्रदान करेगी।
अमित शाह ने बताया कि सरकार सिर्फ सहकारी टैक्सी तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि ‘सहकारी बीमा कंपनी’ भी शुरू की जाएगी। इस बीमा योजना के तहत देशभर में लोगों को किफायती बीमा सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने कहा कि यह कंपनी जल्द ही प्राइवेट सेक्टर की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी बन जाएगी।
भारत में इससे पहले भी कुछ राज्यों ने सरकारी टैक्सी सेवाएं शुरू करने की कोशिश की थी।
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सरकारी ‘सहकारी टैक्सी’ सेवा से उम्मीद की जा रही है कि इससे लाखों ड्राइवरों को बेहतर आय और सुविधाएं मिलेंगी। वहीं, ओला-उबर जैसी प्राइवेट कंपनियों को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है। सरकार का यह कदम सहकारी मॉडल को मजबूत करने और ट्रांसपोर्ट सेक्टर में बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।