Electric or hybrid car कौन सी आपके लिए होगी सही। (सौ. shutterstock)
आज जब पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं और पर्यावरणीय नियम भी पहले से ज्यादा सख्त हो गए हैं, ऐसे में कार खरीदने वालों के सामने यह सवाल खड़ा होता है — इलेक्ट्रिक कार लें या हाइब्रिड? दोनों विकल्पों के अपने फायदे और सीमाएं हैं। आइए जानते हैं कौन-सी कार आपके लिए उपयुक्त हो सकती है।
इलेक्ट्रिक कारें पूरी तरह से बैटरी और इलेक्ट्रिक मोटर से संचालित होती हैं और इन्हें ईंधन की आवश्यकता नहीं होती। ये प्रदूषण नहीं फैलातीं और पर्यावरण के लिए बेहतर मानी जाती हैं।
हाइब्रिड कारें, पारंपरिक इंजन (पेट्रोल/डीजल) और इलेक्ट्रिक मोटर दोनों पर चलती हैं। इनके मुख्य तीन प्रकार हैं:
हाइब्रिड कारें उच्च माइलेज देती हैं। उदाहरण के लिए, Toyota Innova Hycross और Maruti Grand Vitara Hybrid लगभग 28 KMPL तक का माइलेज देती हैं। वहीं इलेक्ट्रिक कारें बिजली पर चलती हैं। भारत में प्रति यूनिट बिजली की कीमत 6-8 रुपये है, जिससे EV की रनिंग काफ़ी किफायती होती है। हालांकि, लंबी दूरी की यात्रा में चार्जिंग एक चुनौती बन जाती है।
EVs से टेलपाइप एमिशन नहीं होता यानी ये प्रदूषण नहीं फैलातीं, लेकिन इनकी बिजली का उत्पादन अधिकतर कोयले से होता है। हाइब्रिड कारें अभी भी पारंपरिक ईंधन का उपयोग करती हैं, जिससे प्रदूषण अधिक होता है।
इलेक्ट्रिक कारों को चार्जिंग स्टेशन या होम चार्जिंग की आवश्यकता होती है, जो ग्रामीण इलाकों में मुश्किल हो सकता है। जबकि हाइब्रिड कारें पेट्रोल पंप से आसानी से रिफ्यूल हो जाती हैं और बैटरी रीजनरेटिव ब्रेकिंग से भी चार्ज होती है।
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EVs की कीमतें थोड़ी ज्यादा होती हैं, जैसे Tata Tiago EV या Mahindra XUV 9e। हाइब्रिड कारें भी लगभग इसी कीमत पर मिलती हैं, जैसे Toyota Hyryder जिसकी कीमत ₹16.81 लाख से शुरू होती है। EVs में मेंटेनेंस कम होता है, जबकि हाइब्रिड कारों में दो सिस्टम के कारण थोड़ा अधिक खर्च आ सकता है।
अगर आप शहरी क्षेत्र में रहते हैं, रोजाना कम दूरी तय करते हैं और घर पर चार्जिंग की सुविधा है, तो इलेक्ट्रिक कार आपके लिए सही है। वहीं अगर आपकी यात्रा लंबी होती है और आप चार्जिंग की चिंता नहीं करना चाहते, तो हाइब्रिड कार एक व्यावहारिक विकल्प हो सकती है।