Flying Car को मिली मनजूरी। (सौ. X)
नवभारत ऑटोमोबाइल डेस्क: चीन ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए बिना पायलट वाली एयर टैक्सी सेवाओं को आधिकारिक मंजूरी दे दी है। यह फैसला देश की सिविल एविएशन अथॉरिटी द्वारा लिया गया है, जिसने EHang Holdings और Hefei Hey Airlines को एयर ऑपरेटर सर्टिफिकेट जारी किया है। इस मंजूरी के बाद ये कंपनियां शहरी क्षेत्रों में ऑटोनॉमस पैसेंजर ड्रोन संचालित कर सकेंगी। यह कदम न केवल चीन के लिए बल्कि वैश्विक एयरोस्पेस उद्योग के लिए भी एक मिसाल बन सकता है।
EHang द्वारा विकसित की गई EH216-S एयर टैक्सी एक दो-सीटर इलेक्ट्रिक ड्रोन है, जिसमें 16 प्रॉपेलर लगे हैं। यह उन्नत तकनीक वाला ड्रोन 3,000 मीटर की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है और इसकी अधिकतम गति 100 किमी/घंटा है।
सोशल मीडिया पर इसकी टेस्टिंग वीडियो तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें इस बिना पायलट वाली टैक्सी को टेकऑफ और लैंडिंग करते हुए देखा गया। कंपनी के मुताबिक, यह एयर टैक्सी विशेष रूप से एयरपोर्ट ट्रांसफर, पर्यटन और शहरी सार्वजनिक परिवहन के लिए डिजाइन की गई है।
चीन के इस फैसले के पीछे लो-एल्टीट्यूड इकॉनमी को मजबूत करने की रणनीति मानी जा रही है। सरकार का मानना है कि नवाचार से जुड़े कई क्षेत्र, जैसे क्वांटम कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), 6G नेटवर्क और ऑटोनॉमस ट्रांसपोर्ट, देश की आर्थिक वृद्धि को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं।
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भारत में फ्लाइंग टैक्सी टेक्नोलॉजी को लेकर शोध और विकास जारी है। हालांकि, इंफ्रास्ट्रक्चर, रेगुलेशन और तकनीकी रूपरेखा को मजबूत बनाने की जरूरत है। कुछ स्टार्टअप और टेक कंपनियां हाइब्रिड इलेक्ट्रिक और ऑटोनॉमस फ्लाइंग टेक्नोलॉजी पर काम कर रही हैं, लेकिन व्यावसायिक स्तर पर इसे लागू होने में अभी समय लगेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि जैसे ही भारत में एविएशन नीतियां और टेक्नोलॉजिकल ढांचा मजबूत होगा, वैसे ही यह अत्याधुनिक तकनीक भारत में भी अपनी जगह बना सकती है।