Automobile को लेकर GST में क्या फायदा। (शौ. Navabharat)
Automobile sector GST: नई GST व्यवस्था ने ऑटोमोबाइल सेक्टर में नए समीकरण खड़े कर दिए हैं। इस बदलाव से जहां छोटी पेट्रोल और डीजल कारें सस्ती हुई हैं, वहीं लग्जरी और बड़ी इलेक्ट्रिक गाड़ियों की कीमतें भी घटी हैं। सबसे अहम बात यह है कि अब वाहनों पर सिर्फ GST लागू होगा, अलग से सेस नहीं जोड़ा जाएगा।
GST काउंसिल द्वारा टैक्स दरों में किए गए संशोधन को उद्योग जगत ने सकारात्मक कदम बताया है। विशेषज्ञों के मुताबिक, इससे ग्राहकों का भरोसा बढ़ेगा और नई गाड़ियों की खरीदारी में तेजी आएगी। BMW Group India के प्रेसिडेंट और CEO हरदीप सिंह बरार ने कहा, “विभिन्न क्षेत्रों में GST दरें कम करना सरकार के ‘विकसित भारत’ और मज़बूत अर्थव्यवस्था के सपने के अनुरूप है। हम सरकार और GST काउंसिल को ऐसे साहसी सुधार लागू करने के लिए बधाई देते हैं।”
नई व्यवस्था के तहत प्रीमियम कारों पर 40% GST (बिना किसी अतिरिक्त सेस) लागू किया गया है। उद्योग के जानकारों का मानना है कि यह प्रीमियम कार इंडस्ट्री के लिए शुभ संकेत है और इससे बिक्री को बढ़ावा मिलेगा। वहीं, ऑटो पार्ट्स पर 18% की समान दर लागू होने से सप्लाई चेन को मजबूती मिलेगी और ओरिजिनल पार्ट्स की मांग पर सकारात्मक असर होगा। इससे ग्राहकों के लिए कास्ट ऑफ ओनरशिप यानी गाड़ी की कुल लागत में भी कमी आएगी।
सभी पैसेंजर इलेक्ट्रिक कारों (BEV) पर 5% GST बनाए रखना स्वागत योग्य कदम माना जा रहा है। इससे यह साफ संदेश जाता है कि सरकार सतत और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को अपनी प्राथमिकता में रख रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि लंबे समय तक स्थिर टैक्स पॉलिसी से कंपनियां नए ईवी प्रोडक्ट पेश करने और ‘मेक इन इंडिया’ के तहत बड़े पैमाने पर निवेश करने के लिए प्रेरित होंगी। यह पहल 2030 तक सरकार के EV लक्ष्य को पूरा करने में अहम होगी।
नई GST व्यवस्था में 350cc से कम प्रीमियम मोटरसाइकिलों पर टैक्स घटाकर 18% कर दिया गया है, जिससे इस सेगमेंट में मांग बढ़ने की संभावना है। हालांकि, 350cc से अधिक मोटरसाइकिलों पर 40% GST लागू होने से मिड-सेगमेंट और हाई-एंड मॉडल्स पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
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नई व्यवस्था से छोटी गाड़ियां और टू-व्हीलर सस्ते होने जा रहे हैं। इससे मध्यम वर्ग को राहत मिलेगी और आम लोग नई गाड़ी खरीदने के लिए प्रोत्साहित होंगे। इससे न सिर्फ नई गाड़ियों की बिक्री बढ़ेगी बल्कि पुरानी गाड़ियों पर निर्भरता भी घटेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इन संशोधित दरों से त्योहारी सीज़न से पहले ही ऑटोमोबाइल सेक्टर में नई रफ्तार देखने को मिलेगी।