बदरीनाथ धाम
नई दिल्ली/गोपेश्वर. आज यानी 18 नवंबर दोपहर बाद 3:33 बजे बदरीनाथ धाम (Shri Badrinath Dham ) के कपाट शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। इसी के साथ इस वर्ष 2023 की चारधाम यात्रा (Char Dham Yatra) में भी आज विराम लग जाएगा।
वहीं आज बदरीनाथ धाम के कपाट बंद करने की प्रक्रिया के तहत चल रही पंच पूजाओं के क्रम में चौथे दिन मुख्य पुजारी रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने स्त्री वेश धारण कर माता लक्ष्मी को भगवान बदरी विशाल के साथ गर्भगृह में विराजमान होने का निमंत्रण दिया है।
#WATCH | Uttarakhand: Shri Badrinath Dham has been decorated with 15 quintals of marigold flowers. The portals of Shri Badrinath Dham will be closed for winter at 3.33 pm today. pic.twitter.com/WpggB74HrS
— ANI (@ANI) November 18, 2023
वहीं आज धाम के कपाट बंद होने से पहले मुख्य पुजारी रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी स्त्री वेश धारण कर माता लक्ष्मी की प्रतिमा को भगवान बदरी-विशाल के धाम के गर्भगृह में प्रतिष्ठापित करेंगे। जिसके बाद पुजारी उद्धव जी व कुबेर जी को मंदिर प्रांगण में लाएंगे। दरअसल उद्धव जी भगवान कृष्ण के बाल सखा होने के साथ-साथ उनसे उम्र में बड़े भी हैं, जिससे रिश्ते में उद्धव जी माता लक्ष्मी के जेठ होते हैं।
हिंदू धर्म में बहू अपने जेठ के सामने नहीं आती है, इस कारण मंदिर से उद्धव जी के बाहर आने के बाद ही माता लक्ष्मी मंदिर में विराजित होती हैं। माता लक्ष्मी की विग्रह डोली को पर पुरुष न छुए, इसलिए मंदिर के पुजारी को स्त्री वेश धारण कर माता के विग्रह को उठाते हैं। यह परंपरा बहुत पुराने समय से चली आ रही है।
जहां आज दोपहर 3:33 बजे पर भगवान बदरीनाथ के कपाट बंद किए जाएंगे। वहीं भगवान बदरी-विशाल के कपाट बंद होने के बाद लोगों को मंदिर तक जाने की भी अनुमति नहीं दी जाती है। इस भव्य क्रिया के लिए आज बदरीनाथ धाम को 15 क्विंटल गेंदे के फूलों से सजाया गया है। जिससे धाम की सुंदरता देखते ही बन रही है। जानकारी दें कि बीते शाम तक दस हजार से अधिक तीर्थयात्री इस बार बदरीनाथ धाम पहुंच चुके थे।