नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय विश्वविद्यालय निकाय के फैसले का समर्थन करते हुए आज कहा, “30 सितंबर तक फाइनल ईयर कॉलेज की परीक्षाएं होंगी।” अदालत ने कहा, “राज्य अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के बिना छात्रों को प्रमोट नहीं कर सकती।”
Supreme Court says students cannot be promoted without University final year exams. https://t.co/Ko55nKaczS
— ANI (@ANI) August 28, 2020
आदित्य ठाकरे की युवा सेना ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर परीक्षाएं न करवाने की मांग की थी। इसके साथ ही कई याचिकाए भी की गई जिसमें कोरोना वायरस संकट के बीच परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की गई थी। याचिकाओं में छात्रों के सामने आने वाली कठिनाइयों का हवाला दिया गया क्योंकि सभी शैक्षणिक संस्थान वायरस के संकट के कारण बंद थे और तर्क दिया गया कि परीक्षा रद्द की जानी चाहिए।
I have written to the Hon’ble Prime Minister, Shri @narendramodi ji on the health risk that the proposed exams of various streams, and entrance exams, would have for students and families across India and for his personal intervention. pic.twitter.com/nBAk0Ef7od
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) August 24, 2020
उन्होंने तर्क दिया कि छात्रों ने पांच सेमेस्टर पूरे किए हैं और उनके पास एक संचयी ग्रेड प्वाइंट एवरेज-सीजीपीए है, जिसके आधार पर अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के बिना ही परिणाम घोषित किए जा सकते है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grants Commission) ने सितंबर के अंत तक परीक्षाएं आयोजित करने का आदेश दिया था।
यूजीसी(UGC) ने तर्क दिया था कि परीक्षा “छात्रों के शैक्षणिक भविष्य की रक्षा करने” के लिए आयोजित की जा रही है और परीक्षाओं के बिना यह डिग्री नहीं दी जा सकती है।