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Bihar Assembly Elections: बिहार चुनाव की घोषणा के बाद से ही महागठबंधन और एनडीए के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर बैठकें जारी हैं। लेकिन अभी तक किसी भी गठबंधन के लिए सीटों का अंतिम आवंटन तय नहीं हुआ है। इस बीच, राजद प्रमुख लालू यादव के बड़े बेटे और जनशक्ति जनता दल के संस्थापक तेज प्रताप यादव ने एक बड़ा ऐलान किया है।
तेज प्रताप ने कहा कि वह 13 अक्टूबर को जदयू के उम्मीदवारों की घोषणा करेंगे, जिसके अगले दिन औपचारिक घोषणा की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि वह महुआ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह लगातार अन्य दलों के नेताओं से मिल रहे हैं।
तेज प्रताप यादव ने बताया कि ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के नेता भी बैठक कर रहे हैं। ऐसे में अगर ओवैसी की पार्टी और तेज प्रताप गठबंधन करते हैं, तो तेजस्वी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दोनों दल गठबंधन की कोशिशों में जुटे हैं। इससे पहले एआईएमआईएम ने महागठबंधन में शामिल होने के कई प्रयास किए थे।
#WATCH | Patna, Bihar | Former RJD leader and Janshakti Janta Dal Founder Tej Pratap Yadav says, “… You can see the kind of support my party is getting. So many people come even without an invitation… I will declare my candidates the day after tomorrow… Parso jordaar ailaan… pic.twitter.com/hjiEX43f56 — ANI (@ANI) October 11, 2025
महागठबंधन का नेतृत्व करने वाली राजद ने ओवैसी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। पार्टी ने कहा कि अगर एआईएमआईएम महागठबंधन की मदद करना चाहती है और भाजपा को सत्ता में आने से रोकना चाहती है, तो वह चुनाव लड़े बिना भी ऐसा कर सकती है। इससे ओवैसी की पार्टी की सारी उम्मीदें टूट गईं।
तेज प्रताप ने आगे कहा कि वह चुनाव की तैयारियों में व्यस्त हैं। आप देख सकते हैं कि मेरी पार्टी को किस तरह का समर्थन मिल रहा है। बिना बुलाए ही इतने सारे लोग आ रहे हैं। एनडीए की बैठकों में नीतीश कुमार की अनुपस्थिति के बारे में उन्होंने कहा कि सिर्फ नीतीश जानते होंगे कि उनके मन में क्या चल रहा है। क्या गड़बड़ हो रही है?
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कुछ दिन पहले, तेज प्रताप ने पांच पार्टियों के साथ गठबंधन किया था। जिसमें विकासशील वंचित इंसान पार्टी (वीवीआईपी), भोजपुरी जन मोर्चा (बीजेएम), प्रगतिशील जनता पार्टी (पीजेपी), वाजिब अधिकार पार्टी (डब्ल्यूएपी), और संयुक्त किसान विकास पार्टी (एसकेवीपी)। तेज प्रताप ने तब कहा था कि वे बिहार में सामाजिक न्याय, सामाजिक अधिकार और पूर्ण परिवर्तन सुनिश्चित करने के लिए मिलकर आगे बढ़ेंगे।
अगर ओवैसी की पार्टी भी तेजप्रताप के साथ आ जाती है तो सीमांचल में तेजस्वी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। राजनैतिक जानकारों का कहना है कि तेज प्रताप यादव की पार्टी खुद भले ही जीत दर्ज करने में नाकाम रहे, लेकिन आरजेडी को भी मुश्किलों में डाल देंगे।