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नई दिल्ली. एक बड़ी खबर के अनुसार, आज यानि शुक्रवार 28 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने के मामले पर सुनवाई है। जानकारी दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा था। तब कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से पूछा था कि उन्होंने क्या एक्शन लिया है? अब मणिपुर वीडियो मामले पर सुनवाई से एक दिन पहले केंद्र सरकार ने अपना हलफनामा दाखिल कर दिया है।
वहीं केंद्र की मोदी सरकार ने हलफनामा दाखिल कर कोर्ट से कहा है कि, राज्य सरकार की सहमति लेकर मामले की जांच अब CBI को ट्रांसफर कर दी है। मुकदमे का तेजी से निपटारा जरूरी है। साथ ही केंद्र सरकार ने अपील की है कि मुकदमा राज्य से बाहर ट्रांसफर करने का शीघ्र आदेश दिया जाए और सुनवाई करने वाली निचली अदालत को यह निर्देश भी दे कि चार्जशीट दाखिल होने के 6 महीने के भीतर इस पर फैसला दे।
इस अपील में यह भी कहा गया है कि, सुनवाई पड़ोसी राज्य असम की अदालत में किया जाए। वहीं केंद्र के अनुसार, गृह मंत्रालय मेइती और कुकी समुदायों के संपर्क में है तथा मणिपुर में शांति बहाली के लिए बातचीत अब काफी हद तक आगे बढ़ चुकी है।
शांति बहाल करने की कोशिश तेज
जानकारी दें कि, मणिपुर में शांति बहाल करने की कोशिश फिलहाल तेज है। वहीं यहां महिलाओं के साथ हुई अभद्रता पर गृह मंत्रालय एक्शन में है। मणिपुर में हालातों को काबू पाने के लिए फिलहाल 35 हजार अतिरिक्त फोर्स तैनात की गई है। वहीं 18 जुलाई के बाद हिंसा की कोई बड़ी घटना नहीं हुई है।
क्या थी 4 मई की घटना
बता दें कि, मणिपुर की यह भयावह घटना बीते 4 मई की है और इसका 26 सेकेंड का वीडियो बीते 19 जुलाई को सामने आया। जिसके बाद से देश में जबरदस्त हंगामा मचा हुआ है। इस मामले में अब तक 6 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं, जिसमें एक नाबालिग शामिल है। जिन दो महिलाओं के साथ यह शर्मनाक घटना हुई, उनमें से एक भारतीय सेना के पूर्व जवान की पत्नी है, जिसने असम रेजिमेंट में सूबेदार के रूप में सेवाएं दी थीं और करगिल युद्ध में भी हिस्सा लिया था।
बताते चलें कि, मणिपुर जातीय हिंसा में अभी तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। इस हिंसा को लेकर अब देश में सियासत भी तेज है। विपक्षी दल मोदी सरकार पर हमलावर हैं तो वहीं अब INDIA गठबंधन का डेलिगेशन आगामी 29 और 30 जुलाई को मणिपुर जाएगा। मणिपुर में मेइती समुदाय की आबादी करीब 53% है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी समुदाय के आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे पहाड़ी जिलों में रहते हैं।