उद्धव ठाकरे-एकनाथ शिंदे
नई दिल्ली/मुंबई. जहां एक तरफ आज चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की 5 सदस्यीय संविधान पीठ बीते साल महाराष्ट्र में हुए राजनीतिक संकट को लेकर आज यानी 11 मई को अहम फैसला सुनाएगी।
जानकारी दें कि, बीते साल बीते साल एकनाथ शिंदे गुट (Ekmath Shinde Group) के बगावत के बाद शिवसेना दो गुटों में बंट गई थी। वहीं उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने एकनाथ शिंदे को सरकार बनाने के लिए बुलाया था। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी।
वहीं उद्धव ठाकरे गुट की ओर से 16 विधायकों की सदस्यता की वैधता को चुनौती दी गई थी, जिस पर अब आज फैसला आने वाला है। इस फैसले पर सभी की नजर है, क्योंकि इसका महाराष्ट्र की राजनीति पर बहुत दूर तक असर पड़ेगा।
आज अगर…
विधायक होते हैं अयोग्य घोषित तो…
आज SC उद्धव ठाकरे गुट की उस याचिका पर फैसला देगा जिसमें शिंदे गुट के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की गई है। इनमें खुद वर्तमान CM एकनाथ शिंदे भी हैं। ऐसे में अगर आज SC इन विधायकों की सदस्यता खत्म करता है तो ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री शिंदे को अपना इस्तीफा भी देना होगा।
फिलहाल महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं। जिसमें बहुमत के लिए 145 का जादुई आंकड़ा छूना जरूरी है। फडणवीस-शिंदे सरकार के पास 166 विधायक हैं। जबकि महा विकास आघाड़ी के पास 120 विधायक हैं। दो विधायक फिलहाल अन्य हैं।
अगर फैसला शिंदे के पक्ष आया तो…
वहीं आज अगर SC, वर्तमान CM एकनाथ शिंदे के पक्ष में फैसला करते हैं तो यह उनकी बड़ी राजनीतिक जीत मानी जाएगी। इसके साथ ही वह राज्य में लंबी पारी की तरफ जाने वाले खिलाड़ी भी बन जाएंगे। वहीं इस जीत के चलते मुंबई महानगरपालिका के चुनावों में शिंदे गुट की संभावनाओं को मजबूती मिलेगी। शिंदे के पक्ष में फैसला आने से एक बार फिर से उद्धव गुट से दलबदल का दौर भी तेजी से शुरू हो सकता है।
क्या बोले महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नारवेकर
गौरतलब है कि, महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नारवेकर (Rahul Narvekar) ने एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना (Eknath Shinde Goverment) के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिका पर उच्चतम न्यायालय का फैसला आने से पहले बीते बुधवार को कहा था कि मौजूदा राज्य सरकार के पास बहुमत है, चाहे कोई भी फैसला आए। बीते बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए नारवेकर ने कहा, ‘‘मेरे स्पीकर बनने के बाद, यह सरकार बहुमत परीक्षण में सफल रही। संख्या बल के हिसाब से देखें तो इस सरकार के पास बहुमत है, चाहे कोई भी फैसला आए।”
क्या है मुद्दा
जानकारी दें कि, बीते साल जून 2022 में शिंदे और 39 विधायकों ने शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी थी। इसके परिणामस्वरूप पार्टी टूट गई थी और ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी सरकार (जिसमें राकांपा और कांग्रेस भी शामिल हैं) गिर गई थी। शिंदे ने बाद में महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा के साथ गठबंधन किया। शिंदे ने 30 जून, 2022 को मुख्यमंत्री जबकि भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।