
हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट पर लगेगा बैन
लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से मिली बड़ी खबर के अनुसार, यहां हलाल सर्टिफिकेशन (Halal Certification) से जुड़े उत्पादों की बिक्री पर जल्द ही बैन लग सकता है। दरअसल राज्य के कुछ कंपनियों ने हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर गोरखधंधा चला रखा था। इतना ही नहीं ये लोग डेयरी, कपड़ा, चीनी, नमकीन, मसाले, और साबुन को भी हलाल सर्टिफाइड कर रहे थे। इस मामले पर अब खुद मुख्यमंत्री योगी ने संज्ञान लिया है। ऐसे में अब मामले में कड़ी कार्रवाई हो सकती है।
जानकारी दें कि हाल ही में हलाल-प्रमाणित चाय को लेकर एक यात्री और भारतीय रेलवे अधिकारी के बीच तीखी बहस का एक वीडियो वायरल हुआ था। इससे हलाल सर्टिफिकेशन की जरूरत और समझ के बारे में एक जबरदस्त बहस छिड़ गई थी। वहीं इस वीडियो में, यात्री सावन के महीने के दौरान हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। हालांकि, रेलवे कर्मचारी ने स्पष्ट किया था कि प्रोडक्ट शाकाहारी ही थी। विवाद इस बात को लेकर था कि पैकेट पर ‘हलाल’ शब्द अंकित था।
@AshwiniVaishnaw @RailMinIndia @IRCTCofficial why Halal certified products are being served to Hindus? Please stop this.. @narendramodi @AmitShah @PMOIndia @HMOIndia pic.twitter.com/qlp0JV5Z4c — Poonam (@poonam_thukral) July 19, 2023
इस बाबत हजरतगंज कोतवाली में हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्टर को लेकर संबंधित कंपनी पर FIR दर्ज कराई गई है। यह शिकायत अज्ञात कंपनियों के खिलाफ दर्ज हुई है। हलाल सर्टिफिकेशन देकर सामान बेचने वाली अज्ञात कंपनियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 b/ 153A/ 298/ 384 /420 /467/ 468 /471/ 505 केस दर्ज कराई गई है।
जानकारी दें कि हलाल सर्टिफिकेशन फूड, कॉस्मेटिक और फार्मास्युटिकल क्षेत्रों के लिए इस्तेमाल होता है। दरअसल यह एक तरह की गारंटी होती है कि प्रोडक्ट उत्पाद इस्लामी कानून के नियमों के तहत ही निर्मित हुए हैं। इसमें कोई भी “निषिद्ध” पदार्थ शामिल नहीं है, और प्रोडक्ट्स में किसी भी तरह से “अशुद्ध” माने जाने वाले किसी भी पदार्थ या वस्तु का इस्तेमाल नहीं किया गया है।






