यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने अमेरिका के त्रिपक्षीय बैठक प्रस्ताव का समर्थन किया (सोर्स-सोशल मीडिया)
US Ukraine Russia Peace Plan: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमीर जेलेंस्की ने रूस के साथ जारी युद्ध को समाप्त करने की दिशा में एक बहुत ही सकारात्मक और बड़ा संकेत दिया है। जेलेंस्की ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि वे अमेरिका द्वारा प्रस्तावित यूक्रेन, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच त्रिपक्षीय बैठक के पक्ष में हैं।
उन्होंने इस संभावित वार्ता को लेकर आशावाद और सावधानी दोनों व्यक्त की है, क्योंकि यह मामला अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। यह पहल अमेरिका की ओर से आई है और इसे यूक्रेन के मुख्य शांति वार्ताकार रुस्तेम उमेरोव ने राष्ट्रपति के सामने विस्तार से पेश किया है।
जेलेंस्की ने पूर्व में तुर्किये में हुई वार्ताओं का उदाहरण देते हुए कहा कि बातचीत से हमेशा कुछ न कुछ सकारात्मक परिणाम निकलते हैं। उन्होंने याद दिलाया कि पिछली बातचीत के कारण ही कई युद्धबंदियों और आम नागरिकों की सुरक्षित घर वापसी संभव हो पाई थी।
राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया कि अगर इस नई त्रिपक्षीय बैठक से और अधिक कैदियों की रिहाई होती है या मानवीय सहायता का रास्ता साफ होता है, तो उन्हें इस प्रक्रिया से कोई आपत्ति नहीं है। वे चाहते हैं कि इस माध्यम से कम से कम मासूम लोगों की जान बचाई जा सके और युद्ध के प्रभाव को कम किया जा सके।
शांति प्रयासों के बीच एक बड़ी खबर यह भी है कि अमेरिका द्वारा तैयार की गई 20 सूत्रीय शांति योजना पर काफी काम हो चुका है। हाल ही में बर्लिन में हुई उच्च स्तरीय चर्चा के दौरान अमेरिका, यूरोप और यूक्रेन के अधिकारियों के बीच लगभग 90 प्रतिशत मुद्दों पर सहमति बन गई है।
यह योजना युद्ध को स्थायी रूप से रोकने और भविष्य की सुरक्षा गारंटी पर आधारित है। हालांकि, बाकी बचे 10 प्रतिशत मुद्दे सबसे अधिक कठिन हैं, जिन पर रूस और यूक्रेन के बीच सीधा टकराव होने की पूरी संभावना बनी हुई है।
भले ही बातचीत की मेज सज रही हो, लेकिन जेलेंस्की ने यह भी माना कि सबसे कठिन मुद्दे अभी हल होने बाकी हैं। इनमें विवादित इलाकों का नियंत्रण, यूक्रेन के पुनर्निर्माण के लिए भारी-भरकम फंडिंग और जापोरिज़्ज़िया परमाणु ऊर्जा संयंत्र की सुरक्षा जैसे पेचीदा विषय शामिल हैं।
रूस इन इलाकों को छोड़ने के लिए फिलहाल तैयार नहीं है, जबकि यूक्रेन अपनी अखंडता से समझौता नहीं करना चाहता। इन मसलों को सुलझाने के लिए मियामी या किसी अन्य अमेरिकी शहर में विशेष दूतों की अलग से मुलाकात भी प्रस्तावित है।
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इस पूरी शांति प्रक्रिया में नवनिर्वाचित ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों की भूमिका बेहद अहम मानी जा रही है। रिपोर्टों के अनुसार, स्टीव विटकॉफ और जेरेड कुशनर अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर सकते हैं, जबकि रूस की ओर से पुतिन के खास दूत किरिल दिमित्रीव के शामिल होने की संभावना है।
यह त्रिपक्षीय मंच एक ऐसा कूटनीतिक दबाव बना सकता है जिससे दोनों देश किसी समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर हों। दुनिया भर की नजरें अब इस बात पर टिकी हैं कि क्या यह वार्ता केवल एक औपचारिकता रहेगी या वास्तव में शांति का नया सवेरा लेकर आएगी।