सोने की खदान, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
नवभारत डेस्क: लंबे समय से आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान को एक बड़ी राहत मिली है। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ पाकिस्तान (GSP) ने 32.6 मेट्रिक टन सोने का खजाना खोजा है। इस सोने की अनुमानित कीमत करीब 600 अरब पाकिस्तानी रुपए बताई जा रही है। पाकिस्तान के लिए यह खोज उम्मीद की किरण बनकर आई है।
बता दें कि पाकिस्तान अक्सर आर्थिक मदद के लिए IMF और अरब देशों के सामने जाकर खड़ा रहता है। हालांकि इन बुरे दौर से गुजरते हुए पाकिस्तान को एक बड़ी राहत मिलने की संभावना है।
पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में रेको डिक खदान को दुनिया के 5वें सबसे बड़े सोने के भंडार के रूप में जाना जाता है। इस खदान में भारी मात्रा में सोना और तांबा मौजूद है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इसका सही तरीके से उपयोग किया जाए, तो यह पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को अगले तीन सालों में बदल सकता है।
रेको डिक खदान से सोने को निकालने का काम भी शुरू हो चुका है, जिससे देश को आर्थिक रूप से मजबूत होने की उम्मीद है। इससे पहले भी इंडस नदी के पास एक और बड़ा रिजर्व मिला था। पाकिस्तान के लिए यह भंडार बड़े आर्थिक सुधार का अवसर बन सकता है।
पाकिस्तान की एक बड़ी खदान पर दुनियाभर के बड़े देशों की नजर है। इस खदान को लेकर कनाडा की एक कंपनी पहले ही पाकिस्तान सरकार के साथ समझौता कर चुकी है। अब सऊदी अरब भी इस खदान में दिलचस्पी दिखा रहा है और इसके लिए पाक सरकार से बातचीत कर रहा है। यह खदान पाकिस्तान के लिए आर्थिक रूप से अहम मानी जा रही है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी काफी चर्चा है।
जानकारी के अनुसार, रेको डिक खदान में दुनिया का 5वां सबसे बड़ा तांबे और सोने का भंडार है। यहां 5.9 बिलियन टन अयस्क में 0.41% तांबे की ग्रेडिंग और 41.5 मिलियन औंस सोना होने का अनुमान है। खदान से इन खजानों को अगले 40 सालों तक निकाला जा सकता है।
कनाडा की कंपनी बैरिक गोल्ड इस खदान पर काम कर रही है। कंपनी का कहना है कि खदान से पहला उत्पादन 2028 तक शुरू होगा। यहां हर साल करीब 90 मिलियन टन अयस्क निकालने की योजना है।
सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच बलूचिस्तान की रेको डिक खदान से सोना और तांबा निकालने को लेकर समझौता हो सकता है। सऊदी अरब को उम्मीद है कि इस खदान में उसे 15% हिस्सेदारी मिलेगी।
दोनों देशों के बीच इस प्रोजेक्ट पर बातचीत पिछले साल शुरू हुई थी। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तानी कैबिनेट ने सऊदी अरब को 540 मिलियन डॉलर में 15% हिस्सेदारी बेचने की मंजूरी दे दी है। इसके अलावा, सऊदी फंड फॉर डेवलपमेंट बलूचिस्तान में खनिज विकास के लिए 150 मिलियन डॉलर की मदद देगा। इस खदान से सोना और तांबा निकालने के प्रोजेक्ट को लेकर यह कदम दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को मजबूत करेगा।
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हालांकि इस पर पाकिस्तान के पेट्रोलियम मंत्री मुसादिक मलिक ने कहा कि एक अहम पेट्रोलियम सौदे को अभी तक मंजूरी नहीं मिली है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस सौदे पर फैसला बाकी है।
पाकिस्तान के एक सोने के माइन में 50% हिस्सा कनाडा की बैरिक गोल्ड कंपनी के पास है, जो दुनिया की सबसे बड़ी सोने की खनन कंपनियों में से एक है। इस माइन के 25% हिस्से पर पाकिस्तान की तीन सरकारी कंपनियों का अधिकार है और बाकी 25% हिस्सा बलूचिस्तान सरकार के पास है।
अगर सऊदी अरब के साथ समझौता फाइनल हो जाता है, तो पाकिस्तान सरकार का हिस्सा घटकर सिर्फ 10% रह जाएगा, जिससे उसे कम फायदा होगा।