
डोनाल्ड ट्रम्प और ज़ोहरान ममदानी (सोर्स- सोशल मीडिया)
Donald Trump and Zohran Mamdani: ज़ोहरान ममदानी ने न्यूयॉर्क सिटी का मेयर बनते ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को खुली चुनौती दी। ट्रंप ने भी सोशल मीडिया पर तेज़ प्रतिक्रिया दी और सवाल उठे कि क्या फेडरल स्तर से हस्तक्षेप ममदानी की योजनाओं को रोक सकता है। ममदानी ने महंगी रोज़मर्रा की चीज़ों पर काबू, सस्ती आवास और सार्वजनिक सेवाओं के वादे किए हैं। लेकिन राजनीतिज्ञों का मानना है कि, अगर फेडरल फंड कम हुए तो इन योजनाओं को लागू करना मुश्किल होगा।
ममदानी की जीत के तुरंत बाद उन्होंने ट्रम्प को बुला कर सीधे संबोधित किया। उनका सादा संदेश था कि न्यूयॉर्क वह शहर है जहाँ से ट्रम्प को हराया जा सकता है। कुछ ही क्षणों में ट्रम्प ने अपने प्लेटफ़ॉर्म पर सक्रियता दिखाई और प्रतिक्रिया दी। दोनों नेताओं के बीच यह टकराव नया राजनीतिक अध्याय खोलता दिखा है।
ट्रम्प पहले भी कई शहरों के खिलाफ फेडरल पॉवर का इस्तेमाल कर चुके हैं, फंड रोकना, इमिग्रेशन छापों में बढ़ोतरी और नेशनल गार्ड तैनाती जैसी कार्रवाइयाँ शामिल रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रम्प और भी कटौती कर सकते हैं, जिससे शहर के बजट पर दबाव बढ़ेगा।
ममदानी ने मुफ्त या सस्ती बस सेवाएं, किरायों पर रोक, बच्चों की देखभाल और सरकारी किराना जैसी योजनाएँ दी हैं। ये योजनाएँ महंगी हैं और शहर को अरबों डॉलर की जरूरत होगी। कभी-कभी ये पैसा फ़ेडरल फंड से आता है, अगर वे कम हुए तो ममदानी को राज्य सरकार और कोर्ट के रास्ते अपनाने पड़ सकते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि टैक्स बढ़ाकर कुछ धन जुटाया जा सकता है, पर गवर्नर और राज्य की सहमति ज़रूरी है। साथ ही, फ़ेडरल फंड रोकने पर कानूनी लड़ाई भी चल सकती है, जिससे योजनाओं में देरी होगी।
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ममदानी ने पहले ही कहा है कि वे शहर की कानूनी टीम मजबूत करेंगे और जरूरी तो अदालतों तक जाने को तैयार हैं। वे रणनीतिक रूप से चुनेंगे कि कब सीधे टकराव करना है और कब समझौता। प्रोफ़ेसरों का मानना है कि वे गणनापूर्ण तरीके से आगे बढ़ेंगे ताकि शहर के हितों को संभाला जा सके।






