कनाडा से विवाद पर भारत को उठाना पड़ सकता है नुकसान
नई दिल्ली: भारत और कनाडा तकरार में भारत को नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसका असर खासकर भारत पर अमेरिका और पश्चिमी देशों के साथ रिश्तों पर पड़ेगा। 14 अक्तूबर को कनाडा और भारत के आपसी रिश्ते मुश्किल दौर पर पहुंच गए। अब इस पर कूटनीतिक समझौता होगा। या फिर रिश्ते बिगड़ते ही जाएंगे। ये तो फिलहाल आने वाला समय ही तय करेगा। लेकिन दोनों देशों के बीच का विवाद नहीं सुलझा भारत पर असर डाल सकता है।
भारत और कनाडा के रिश्तों का दायरा काफी विस्तृत है। यही कारण है कि दोनों देशों के संबंधों में खटास आने का असर इन क्षेत्रों पर पड़ सकता है।भारत के विदेश मंत्रालय के मुताबिक लगभग 427000 भारतीय छात्र कनाडा में पढ़ाई कर रहे हैं।
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यहां तक कि अन्य देशों की तुलना में भारतीय छात्रों की संख्या कनाडा में सबसे अधिक है। दरअसल, सरकारी आंकड़े बताते हैं कि पिछले तीन सालों में कनाडा जाने वाले छात्रों की संख्या घटी नहीं है बल्कि इसमें बढ़ोतरी हुई है। कनाडा में लगभग 30 लाख भारतीय मूल के लोग रहते हैं।
भारत और कनाडा के आर्थिक संबंधों की बात करें तो भारत में बड़े पैमाने पर कनाडा के पेंशन फंड्स नेनिवेश किया है। बीबीसी के मुताबिक, आंकड़े दर्शाते हैं कि भारत में पेंशन फंड्स से लगभग 75 अरब कैनेडियन डॉलर का निवेश किया गया है।
भारत में 600 से ज्यादा कनाडाई कंपनियां काम कर रही हैं, जबकि 1000 से ज्यादा कंपनियां भारतीय बाजारों में व्यापार करती हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 2023 में भारत और कनाडा के बीच व्यापार में पिछले साल की तुलना में लगभग 19 फीसदी की बढ़त देखी गई। इसके अलावा कनाडा से भारत के निर्यात की दर में भी नौ फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
अमेरिका में भारत की राजदूत रह चुकीं मीरा शंकर का मानना है कि इस समय भारत और पश्चिमी देशों को आपस में बातचीत करने की जरूरत है। ये वक्त मेगाफोन डिप्लोमेसी का नहीं है। बल्कि ठंडे दिमाग से पहले मामलों को सुलझाने की ज़रूरत है। अब तक भारत और कनाडा ने सारी परेशानियों के बावजूद अपने आर्थिक रिश्तों को संभाल कर रखा है और मैं उम्मीद करती हूं कि आगे भी ऐसा ही होगा।
भारत के पूर्व राजदूत कूटनीति को करीबी से जानने वाले राजीव डोगरा का मानना है कि विदेश में भारत के खिलाफ बयान देने वाले लोगों पर कार्रवाई की बात करना गलत नहीं है। उनका कहना है कि भारत हो या कनाडा किसी भी देश से ऐसी कार्रवाई की उम्मीद रख सकता है।
इसके अलावा फाइव आईज को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। क्योंकि कनाडा फाइव आईज अलायंस का सदस्य है। इसमें अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड भी शामिल हैं। तो ऐसे में अन्य देशों के भारत के साथ रिश्तों को बिगाड़ने की कोशिश कर सकता है।
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मामला कनाडा के नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की पिछले साल हुई हत्या से शुरू हुआ था, जिसमें कनाडा ने भारत की भूमिका पर सार्वजनिक तौर पर सवाल उठाए थे।तेजी से बदलते इन हालातों का भारत पर किस प्रकार का प्रभाव पड़ेगा? क्या कनाडा के साथ बिगड़ते संबंधों के कारण भारत और अमेरिका के रिश्तों में भी उलझनें पैदा हो सकती हैं।