वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात की (सोर्स- सोशल मीडिया)
Volodymyr Zelenskyy meets Emmanuel Macron: यूक्रेन और रूस के बीच लगभग चार साल से चल रहे युद्ध को रोकने और क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापित करने की दिशा में कूटनीतिक प्रयास तेज हो गए हैं। इस बड़े कदम के रूप में, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने सोमवार को पेरिस में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात की। यह उच्च-स्तरीय बैठक संभावित युद्ध विराम के लिए मध्यस्थता करने के व्यापक कूटनीतिक प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह दर्शाता है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय अब इस संघर्ष का हल निकालने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है।
जेलेंस्की की यह यात्रा अमेरिकी और यूक्रेनी अधिकारियों के बीच फ्लोरिडा में हुई पिछली बैठक के बाद हुई है। इस बैठक में दोनों पक्षों ने अमेरिका द्वारा प्रस्तावित संघर्षविराम योजना के संशोधनों पर विचार किया था। इस योजना को अमेरिका और रूस ने आपस में बातचीत करके तैयार किया है। हालाकि, यूरोप के कई सहयोगी इस योजना के कुछ प्रमुख सिद्धांतों का विरोध कर रहे हैं। उनका मानना है कि यह योजना रूसी मांगों पर अधिक ध्यान देती है, जो यूक्रेन के हितों के विरुद्ध है। यूरोपीय सहयोगी अमेरिकी शांति प्रयासों का स्वागत करते हैं, लेकिन वे यूक्रेन के लिए निष्पक्ष और टिकाऊ शांति चाहते हैं।
राष्ट्रपति मैक्रों, जो यूक्रेन के एक प्रमुख सहयोगी रहे हैं, ने जेलेंस्की के साथ अपनी बैठक से पहले कहा कि दोनों नेता ‘निष्पक्ष और स्थायी शांति’ की शर्तों पर चर्चा करेंगे। मैक्रों ने पश्चिमी सहयोगियों से स्पष्ट आग्रह किया है कि किसी भी युद्ध विराम या शांति समझौते की स्थिति में यूक्रेन को ‘ठोस’ गारंटी मिलनी चाहिए। इसका उद्देश्य अमेरिकी शांति योजना के उन तत्वों को संतुलित करना है जो रूस के पक्ष में झुके हुए माने जाते हैं। मैक्रों के कार्यालय ने बताया कि दोनों नेताओं ने ब्रिटेन, जर्मनी, पोलैंड और अन्य यूरोपीय सहयोगियों के साथ भी इस विषय पर व्यापक बातचीत की, जिसमें नाटो महासचिव भी शामिल थे।
इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 28 सूत्रीय शांति रूपरेखा को अधिक तवज्जो नहीं दी है। इस रूपरेखा में यूक्रेन की सेना के आकार पर सीमाएं लगाना, नाटो में शामिल होने से रोकना और क्षेत्र छोड़ने के लिए बाध्य करना जैसे प्रावधान शामिल थे। दूसरी ओर, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने पुष्टि की है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन मंगलवार दोपहर को अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकॉफ से मुलाकात करेंगे।
यह भी पढ़ें: श्रीलंका का नाम ले भारत को बदनाम करने चला था पाक…मिला करारा जवाब तो मुंह छुपाने लगे शहबाज
यूरोप के नेताओं ने चिंता जताई है कि अमेरिका-रूस वार्ता से यूक्रेन को और अधिक रियायतें देनी पड़ सकती हैं। जेलेंस्की और मैक्रों की यह मुलाकात यूक्रेन के लिए सुरक्षा और संप्रभुता सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा और जरूरी कूटनीतिक प्रयास है।