अमेरिकी दूतावास ने H-1B और H-4 वीजा के लिए सोशल मीडिया जांच का दायरा बढ़ाया (सोर्स-सोशल मीडिया)
Online Presence Review Impact: अमेरिका जाने का सपना देख रहे भारतीय पेशेवरों के लिए एक बड़ी और महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। अमेरिकी दूतावास ने घोषणा की है कि अब H-1B और H-4 वीजा आवेदकों की सोशल मीडिया गतिविधियों की गहन जांच की जाएगी।
यह नया नियम 15 दिसंबर से वैश्विक स्तर पर लागू कर दिया गया है, जिसका सीधा असर भारतीय आईटी पेशेवरों पर पड़ रहा है। जांच का दायरा बढ़ने के कारण वीजा प्रोसेसिंग में महीनों की देरी हो सकती है, जिससे कई भारतीयों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है।
भारत में अमेरिकी दूतावास ने ‘X’ (ट्विटर) पर जानकारी दी है कि विदेश विभाग ने मानक वीजा स्क्रीनिंग के हिस्से के रूप में ‘ऑनलाइन उपस्थिति समीक्षा’ (Online Presence Review) का विस्तार किया है।
अब आवेदकों के फेसबुक, X और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की बारीकी से जांच होगी। यह नियम किसी एक देश के लिए नहीं, बल्कि दुनिया भर के सभी राष्ट्रीयताओं के आवेदकों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। दूतावास ने स्पष्ट किया है कि सुरक्षा कारणों से यह कदम उठाना आवश्यक था।
WORLDWIDE ALERT FOR H-1B AND H-4 VISA APPLICANTS Beginning December 15, the Department of State expanded online presence reviews to ALL H-1B and H-4 applicants as part of standard visa screening. This vetting is being conducted globally for ALL applicants of ALL nationalities… pic.twitter.com/qMrMrOvqy0 — U.S. Embassy India (@USAndIndia) December 22, 2025
इस नई जांच प्रक्रिया का सबसे ज्यादा असर उन भारतीयों पर पड़ा है जो अपने वर्क परमिट का नवीनीकरण (Renewal) कराने भारत आए थे। दिसंबर में घर लौटे सैकड़ों पेशेवरों के इंटरव्यू अचानक रद्द कर दिए गए हैं या उन्हें मार्च, अप्रैल और मई की तारीखें दी गई हैं।
वैध वीजा न होने के कारण वे अमेरिका वापस नहीं जा पा रहे हैं, जिससे उनकी नौकरियों और वहां के वित्तीय दायित्वों (जैसे घर की EMI) को लेकर चिंता बढ़ गई है।
अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, इस सख्त स्क्रीनिंग का मुख्य उद्देश्य H-1B कार्यक्रम के दुरुपयोग को रोकना और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के तहत वीजा जांच को और अधिक कठोर बनाने की मुहिम तेज हुई है।
अमेरिकी दूतावास ने कड़े शब्दों में कहा है कि “अमेरिकी वीजा एक विशेषाधिकार है, अधिकार नहीं”। वीजा जारी होने के बाद भी सुरक्षा एजेंसियां जांच जारी रख सकती हैं।
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H-1B वीजा धारकों में भारतीयों की संख्या सबसे अधिक है, जो अमेरिकी टेक कंपनियों और अस्पतालों की रीढ़ हैं। वर्तमान स्थिति को देखते हुए, दूतावास ने सलाह दी है कि अपनी यात्रा की योजना बनाने से काफी पहले आवेदन करें।
आवेदकों को सलाह दी गई है कि वे अपने सोशल मीडिया हैंडल्स की जानकारी सटीक दें और अतिरिक्त ‘प्रसंस्करण समय’ (Processing Time) के लिए मानसिक रूप से तैयार रहें।