
सांकेतिक तस्वीर
Pakistan PIA Auction 2025 Update: आर्थिक संकट से जूझ रहा पाकिस्तान अब अपनी राष्ट्रीय एयरलाइंस को बेचने की तैयारी में है। शहबाज शरीफ सरकार पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) की 75 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने जा रही है। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, 23 दिसंबर बोली जमा करने की अंतिम तारीख है।
डेडलाइन से ठीक दो दिन पहले सेना से जुड़ी एक खाद कंपनी फौजी फर्टिलाइजर प्राइवेट लिमिटेड (FFPL) ने बोली प्रक्रिया से अपना नाम वापस ले लिया है। इसके बाद अब केवल तीन दावेदार ही रेस में बचे हैं।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने 22 मई को IMF अधिकारियों के साथ बैठक के बाद PIA समेत 24 सरकारी कंपनियों के निजीकरण का फैसला लिया था।
पाकिस्तान 1958 से अब तक करीब 20 बार IMF से कर्ज ले चुका है और दबाव में कई कड़े फैसले कर चुका है। इसी क्रम में सरकार पहले ही अपने बंदरगाहों और एयरपोर्ट्स को निजी हाथों में दे चुकी है। पिछले साल इस्लामाबाद एयरपोर्ट को ठेके पर देने का फैसला भी किया गया था।
प्राइवेटाइजेशन कमीशन के चेयरमैन मोहम्मद अली के अनुसार, PIA की नीलामी ‘क्लोज्ड बिडिंग’ यानी सीलबंद बोली के जरिए होगी। 23 दिसंबर को सुबह 10:45 से 11:15 बजे के बीच तीनों दावेदार अपनी बोली की रकम एक सीलबंद लिफाफे में डालकर ट्रांसपेरेंट बॉक्स में जमा करेंगे। किसी दावेदार को यह जानकारी नहीं होगी कि बाकी ने कितनी बोली लगाई है।
इसके बाद प्राइवेटाइजेशन कमीशन बोर्ड बैठक कर ‘रेफरेंस प्राइस’ तय करेगा। फिर कैबिनेट कमेटी ऑन प्राइवेटाइजेशन (CCoP) इस कीमत को मंजूरी देगी। यही कीमत बोली खोलते वक्त सार्वजनिक की जाएगी। यह प्रक्रिया आईपीएल की नीलामी की तरह लाइव नहीं होगी। लाइव बोली या दाम बढ़ाने का विकल्प नहीं रहेगा, केवल लिफाफे खोलने की प्रक्रिया ही लाइव दिखाई जाएगी।
यदि किसी बोली की रकम सरकार की तय कीमत से ज्यादा होती है, तभी सीमित ओपन ऑक्शन हो सकता है। अगर सभी बोलियां रेफरेंस प्राइस से कम रहीं, तो सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले को प्राथमिकता दी जाएगी। इस 75 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री से मिलने वाली रकम में से 92.5 प्रतिशत सीधे PIA को मिलेगा, जबकि केवल 7.5 प्रतिशत राष्ट्रीय खजाने में जाएगा।
यह भी पढ़ें- IndiGo का ‘तुर्की’ प्लान फेल? DGCA की डेडलाइन ने बढ़ाई टेंशन; जल्द आसमान से गायब होंगे ये 5 विमान!
PIA के लिए फिलहाल तीन दावेदार मैदान में हैं-






