पुतिन के लौटते ही ट्रंप ने चला सबसे बड़ा दांव, (डिजाइन फोटो)
US Spy Plane Russia: रूस और अमेरिका के बीच बढ़ती परमाणु तनातनी अब एक नए मोड़ पर पहुंच गई है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे से वापसी के ठीक बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एक आक्रामक रणनीति सामने आई है।
अमेरिका ने जापान में तैनात अपने विशेष सैन्य विमानों में से एक WC-135R “Constant Phoenix” न्यूक स्निफर को रूस के पैसिफिक कॉस्ट की ओर उड़ा दिया। यह विमान रूस के आसमान के बेहद करीब मंडराता हुआ पकड़ा गया है, जिसके बाद मॉस्को में खलबली मच गई।
अमेरिकी कदम को ट्रंप का सीधा संदेश माना जा रहा है कि वह रूस की किसी भी परमाणु गतिविधि को हवा में “सूंघ” कर पकड़ने के लिए तैयार हैं। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब पुतिन ने हाल ही में रूस को परमाणु परीक्षणों की तैयारी का आदेश दिया था और जवाब में ट्रंप ने भी अमेरिकी सेना को न्यूक्लियर टेस्टिंग की दिशा में बढ़ने को कहा था।
जबकि दोनों देश 1963 की Limited Test Ban Treaty के तहत वायुमंडल, अंतरिक्ष और पानी के नीचे परमाणु परीक्षण न करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन हालिया घटनाक्रम संकेत दे रहा है कि यह संधि अब सिर्फ नाम मात्र रह गई है।
‘न्यूक स्निफर’ विमान वायुमंडल से रेडियोधर्मी कणों और गैसों को इकट्ठा करने की क्षमता रखता है। यह प्राकृतिक नहीं, बल्कि मानव-निर्मित परमाणु गतिविधियों के निशान पकड़ सकता है। इसी क्षमता के कारण इसे परमाणु परीक्षणों, दुर्घटनाओं या गुप्त विस्फोटों का पता लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। रिपोर्ट के अनुसार, रूस के ऊपर उड़ते पकड़ा गया विमान 64-14829 रजिस्ट्रेशन नंबर का है और यह अमेरिकी ‘मोबाइल न्यूक्लियर एयरबोर्न सैंपलिंग मिशन’ का हिस्सा है।
फ्लाइटराडार24 के डेटा से पता चला कि विमान जापान के ओकिनावा स्थित काडेना एयर बेस से उड़ा, होक्काइडो के ऊपर जाकर उसका ट्रैक गायब हुआ और करीब आठ घंटे बाद ओखोत्स्क सागर के ऊपर दोबारा दिखाई दिया। इसकी उड़ान का पैटर्न ही बताता है कि यह मिशन बेहद संवेदनशील था।
यह कोई पहली घटना नहीं है जब अमेरिका का न्यूक स्निफर रूस के बेहद नजदीक देखा गया हो। इससे पहले भी इसे नोवाया जेमल्या के पास ट्रैक किया गया था, जहां रूस अपनी परमाणु-संचालित बुरेवेस्तनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण करता है। अक्टूबर के परीक्षण में मिसाइल ने 15 घंटे में 8,700 मील की दूरी तय की थी, जिसके बाद पुतिन ने इसे अद्वितीय हथियार बताया था।
यह भी पढ़ें:- हिज्बुल्लाह पर सीधा वार! अमेरिका ने लेबनान को दिया बड़ा सैन्य पैकेज, मिडिल ईस्ट में बदल जाएगा खेल?
नई जासूसी उड़ान से स्पष्ट है कि अमेरिका और रूस दोनों एक-दूसरे की परमाणु क्षमता को भांपने की कोशिश में जुट गए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना दोनों सुपरपावर के बीच पहले से मौजूद अविश्वास को और गहरा कर सकती है और परमाणु तनाव का ग्राफ तेजी से ऊपर जा सकता है।