अमेरिका ने लेबनान दे डाला बड़ा सैन्य पैकेज, फोटो (सो.एआई)
Lebanon Army Support: मिडिल ईस्ट में भू-राजनीतिक तनाव के बढ़ते माहौल और इजरायल-हिजबुल्लाह संघर्ष की पृष्ठभूमि में अमेरिका ने लेबनान को एक बड़ा सैन्य पैकेज मंजूर किया है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) ने बताया कि लेबनान को करीब 90 मिलियन डॉलर मूल्य के मीडियम टैक्टिकल व्हीकल्स (MTVs) बेचे जाएंगे। इस सौदे का मुख्य उद्देश्य लेबनानी सेना (LAF) की काउंटरटेररिज्म क्षमताओं को उन्नत करना और उसकी ऑपरेशनल गतिशीलता को बढ़ाना है।
यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब हाल के महीनों में अमेरिका लगातार लेबनान को सैन्य सहायता प्रदान कर रहा है। सितंबर में राष्ट्रपति ट्रंप ने $14.2 मिलियन का Presidential Drawdown जारी किया था, जबकि अक्टूबर में $240 मिलियन का बड़ा सुरक्षा पैकेज लेबनानी सेना और Internal Security Forces को दिया गया। इससे साफ होता है कि वॉशिंगटन लेबनान की सुरक्षा क्षमताओं को मजबूत करने को लेकर बेहद गंभीर है।
पेंटागन के अनुसार, लेबनान ने कई प्रकार के मीडियम टैक्टिकल वाहन मांगे थे, जिनमें शामिल हैं-
इसके साथ ही अमेरिका लेबनान को स्पेयर पार्ट्स, रिपेयर किट्स, ट्रेनिंग मॉड्यूल्स, तकनीकी सहयोग और लॉजिस्टिक सपोर्ट भी देगा। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि यह पैकेज LAF को “तेज, सटीक और प्रभावी सैन्य अभियानों” के लिए तैयार करेगा, खासकर उन इलाकों में जहां सुरक्षा खतरे तेजी से बदलते हैं।
पेंटागन के नोटिफिकेशन के मुताबिक, यह सौदा अमेरिकी विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को मजबूत करेगा। वॉशिंगटन लेबनान को राजनीतिक स्थिरता और सुरक्षा के लिए क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण साझेदार मानता है।
अमेरिका चाहता है कि LAF को पर्याप्त संसाधन मिले ताकि वह-
लेबनानी सेना को हाल ही में इजरायल के साथ हुए युद्धविराम समझौते के तहत एक बड़ी जिम्मेदारी दी गई है जिसमें कहा गया कि हिजबुल्लाह को निरस्त्र करना है। यह समझौता अमेरिका की मध्यस्थता से संभव हुआ था। अमेरिकी नीति-निर्माताओं का मानना है कि LAF को मजबूत करने से ईरान समर्थित हिज़बुल्लाह जैसे हथियारबंद समूहों की ताकत कम होगी। इसलिए इस सैन्य पैकेज को सीधे-सीधे हिज़बुल्लाह के प्रभाव को सीमित करने की रणनीति का हिस्सा बताया जा रहा है।
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कुल मिलाकर, यह सौदा सिर्फ सैन्य सहयोग नहीं बल्कि मध्य पूर्व की बदलती शक्ति-संरचना में अमेरिका की रणनीतिक चाल के रूप में देखा जा रहा है। आने वाले समय में यह पैकेज क्षेत्रीय राजनीति और सुरक्षा समीकरणों पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।