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काबुल: तालिबान ने प्रतिबंधों के माध्यम से जानबूझकर अफगानिस्तान में 14 लाख लड़कियों को स्कूल जाने से वंचित किया है। युनेस्को के मुताबिक, अफगानिस्तान दुनिया का एकमात्र देश है, जहां महिलाओं के माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा हासिल करने पर प्रतिबंध है। साल 2021 में सत्ता पर काबिज होने वाले तालिबान ने लड़कियों के छठी कक्षा से ज्यादा पढ़ाई करने पर प्रतिबंध लगा रखा है क्योंकि उसका कहना है कि यह शरिया या इस्लामी कानून की व्याख्या के अनुरूप नहीं है।
यूनेस्को ने कहा कि तालिबान ने सत्ता में आने के बाद कम से कम 14 लाख लड़कियों को जानबूझकर माध्यमिक शिक्षा से वंचित किया है। यूनेस्को के मुताबिक, अप्रैल 2023 में हुई पिछली गणना के बाद से इसमें 3,00,000 की वृद्धि हुई है।
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यूनेस्को ने कहा कि यदि हम उन लड़कियों को जोड़ लें जो प्रतिबंध लागू होने से पहले से स्कूल नहीं जा रही थीं, तो अब देश में लगभग 25 लाख लड़कियां शिक्षा के अपने अधिकार से वंचित हैं। इस हिसाब से अफगानिस्तान में 80 प्रतिशत लड़कियां शिक्षा से दूर हैं। तालिबान की ओर से इसपर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई है।
सिंगापुर मे भारतीय मूल के व्यक्ति को FAS के साथ धोखाधड़ी में दोस्त की मदद करने के जुर्म में सजा
भारतीय मूल के एक व्यक्ति को सिंगापुर फुटबॉल एसोसिएशन (FAS) के पूर्व उप निदेशक को खेल संस्था से 450,000 सिंगापुरी डॉलर से अधिक की धोखाधड़ी में मदद करने के जुर्म में आठ सप्ताह जेल की सजा सुनाई गई है। 51 वर्ष के पल्लनियप्पन रविन्द्रन ने अपने मित्र और एफएएस के पूर्व उप निदेशक रिक्रमजीत सिंह रणधीर सिंह को एसोसिएशन से धोखाधड़ी करने की साजिश में मदद करने संबंधी आरोपों को स्वीकार कर लिया।
ये मिली सजा
समाचार पत्र द स्ट्रेट्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार को सजा सुनाए जाने से पहले उन पर लगे दस अन्य समान आरोपों पर विचार किया गया। रविन्द्रन खेल सामग्री आपूर्तिकर्ता ‘मायरेड स्पोर्ट्स एंड इवेंट्स के निदेशक थे और उन्होंने 43 वर्षीय सिंह को एफएएस को यह धोखा देने में मदद की थी कि मायरेड एसोसिएशन को सामान की आपूर्ति करेगा। हालांकि सामान की आपूर्ति सिंह और उनकी पत्नी आएशा किरिन केम्स से जुड़ी एक कंपनी कर रही थी और एफएएस से भुगतान ले रही थी।
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