यूक्रेन को मदद के लिए आगे आए नाटो देश (फोटो- सोशल मीडिया)
NATO Arms Package for Ukraine: स्वीडन, नॉर्वे और डेनमार्क ने यूक्रेन को पैट्रियट मिसाइलों सहित अमेरिकी हथियारों की आपूर्ति के लिए नाटो की अगुवाई में चल रही योजना को लगभग 500 मिलियन डॉलर (50 करोड़ डॉलर) देने का वादा किया है। इस योजना का मकसद रूस से सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले महीने ऐलान किया था कि अमेरिका यूक्रेन को हथियार उपलब्ध कराएगा, लेकिन इसकी कीमत यूरोपीय देश देंगे। हालांकि, उन्होंने तब ये नहीं बताया था कि इस योजना के तहत किस प्रकार की जाएगी। ट्रंप इस तरह से यूक्रेन युद्ध में अमेरिकी भार को कम करना चाहते हैं।
नॉर्वे के रक्षा मंत्री टोरे ओ. सैंडविक ने कहा, “इस योगदान के जरिए हम चाहते हैं कि यूक्रेन को आवश्यक सैन्य उपकरण जल्द से जल्द मिलें, साथ ही नाटो के सहयोग को भी मजबूत किया जाए ताकि यूक्रेन की शर्तों पर शांति सुनिश्चित हो सके।”
वहीं, डेनमार्क के रक्षा मंत्री ट्रॉल्स लुंड पॉल्सन ने स्पष्ट किया कि फंड तुरंत उपलब्ध कराया जाएगा और कहा, “गति बेहद अहम है।” उन्होंने यह भी संकेत दिया कि डेनमार्क आगे और धनराशि दे सकता है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबित, नीदरलैंड इस योजना में भाग लेने वाला पहला देश था, जिसने सोमवार को 500 मिलियन यूरो देने की घोषणा की। इसके अलावा मार्च 2025 के अंत तक स्वीडन ने यूक्रेन को कुल 92.8 बिलियन स्वीडिश क्राउन की मदद दे चुका है।
स्वीडन इस पहल के तहत 275 मिलियन डॉलर यानी करीब 27.5 करोड़ डॉलर का योगदान कर रहा है। स्वीडिश सरकार के मुताबिक, इस सहायता पैकेज में पैट्रियट वायु रक्षा प्रणाली, टैंक-रोधी हथियार और अन्य सैन्य उपकरण शामिल हैं।
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स्वीडन की उप-प्रधानमंत्री एब्बा बुश ने कहा, “ऐसी अमेरिकी रक्षा सामग्री की लगातार आपूर्ति, जो यूरोप पर्याप्त मात्रा में नहीं दे सकता, यूक्रेन की रक्षा क्षमता के लिए बेहद अहम है।” नाटो इस पहल का समन्वय अपनी मान्यता प्राप्त यूक्रेन आवश्यकता सूची (PURL) के माध्यम से कर रहा है। इस कार्यक्रम को यूरोपीय नाटो सदस्य देशों और कनाडा द्वारा वित्तीय सहायत मिलती है और इसे लगभग 500 मिलियन डॉलर के पैकेजों में बांटा गया है।