यूक्रेन ने अंडरवाटर विस्फोटक से क्रीमिया ब्रिज को उड़ाया, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
मास्को: यूक्रेन ने एक बार फिर रूस को एक बड़ा झटका दिया है। यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (SBU) ने सुबह 4:44 बजे एक विशेष ऑपरेशन के तहत क्रीमिया ब्रिज को तीसरी बार निशाना बनाकर जबरदस्त धमाका किया, जिससे यह पुल गंभीर हालत में पहुंच गया है। इस हमले की खास बात यह है कि इसे समुद्र के अंदर से अंजाम दिया गया, जिसे यूक्रेन ने महीनों की तैयारी वाला मिशन बताया है। यह 19 किलोमीटर लंबा पुल रूस को क्रीमिया से जोड़ता है।
यूक्रेन ने पिछले 72 घंटे में रूस पर दूसरा बड़ा हमला किया है। इस बार यूक्रेन की सेना ने क्रीमिया पुल पर 1100 किलो का पानी के नीचे विस्फोटक लगाकर उसे उड़ा दिया है। हालांकि, पुल को कितना बड़ा नुकसान हुआ है, इसकी जानकारी अभी सामने आनी बाकी है। इससे पहले, 1 जून को यूक्रेन ने रूस के पांच सैन्य ठिकानों पर ड्रोन हमलों के जरिए हमला किया था, जिसमें उसने रूस के 41 लड़ाकू विमानों को नष्ट करने का दावा किया था।
Holy shit
Ukraine’s SBU security service behind the audacious drone attack deep inside Russia now says it has attacked the Kerch bridge in occupied Crimea in a months-long operation. It says SBU agents “mined the supports” of the bridge with 1,100kg of TNT under the water line… pic.twitter.com/TvNjHWZZs3
— Saint Javelin (@saintjavelin) June 3, 2025
यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (SBU) के अनुसार इस हमले में टीएनटी विस्फोटक का उपयोग किया गया है। बता दें कि इस पुल को ‘केर्च स्ट्रेट ब्रिज’ के नाम से भी जाना जाता है। यह ब्रिज रूस को क्रीमिया से जोड़ने वाला एक रणनीतिक और आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मार्ग है। इससे पहले भी यूक्रेन ने इस ब्रिज को निशाना बनाने के कई प्रयास किए हैं। यह पुल रूस की सेना के लिए हथियार, सैनिक और सैन्य आपूर्ति क्रीमिया और दक्षिणी यूक्रेन तक पहुंचाने का मुख्य मार्ग है। इसलिए, यदि यूक्रेन इस पुल को नुकसान पहुंचाता है या इसे तोड़ देता है, तो यह रूस की सैन्य आपूर्ति के लिए एक बड़ा झटका होगा।
यह पुल न केवल रूस की सैन्य आपूर्ति लाइफलाइन है, बल्कि इसका निर्माण रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक राजनीतिक उपलब्धि माना जाता है। यह पुल 2018 में बनकर तैयार हुआ था। इसे रूस ने 2014 में क्रीमिया पर कब्जा करने के बाद वहां अपनी पकड़ मजबूत करने के प्रतीक के रूप में बनाया था। यूक्रेन और पश्चिमी देशों की नजर में यह पुल अवैध कब्जे का निशान है।
इसे क्षतिग्रस्त करना रूस के आत्मविश्वास को घटाने और दुनिया को एक सन्देश देने का तरीका माना जाता है। इस पुल के माध्यम से क्रीमिया का व्यापार और पर्यटन रूस से जुड़ा हुआ है। अगर इसे नुकसान पहुंचाया जाता है, तो इसका असर रूसी आर्थिक व्यवस्था और नागरिक जीवन पर भी पड़ेगा।