9/11 अटैक के दौरान वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का दृश्य (सोर्स-सोशल मीडिया)
नवभारत डेस्क: 11 सितंबर 2001 एक ऐसा भयावह दिन जो इतिहास में सदियों-सदियों के लिए दर्ज हो गया। यह दिन न तो कभी सबसे ताकतवर राष्ट्र अमेरिका के जेहन से निकलेगा न हीं ही दुनिया की यादों से। क्योंकि इस दिन जो कुछ हुआ था जिससे दुनिया के हर एक देश की रूह कांप गई थी। क्योंकि इससे पहले इतना बड़ा आतंकी हमला देखना तो दूर, सुना तक नहीं गया था।
इस दिन दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका पर एक जानलेवा आतंकी हमला हुआ था। आतंकियों ने न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को निशाना बनाया था। इस हमले में करीब 3 हजार लोगों की जान चली गई थी। इस हमले ने न सिर्फ अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था। इसे दुनिया के सबसे भीषण आतंकी हमलों में गिना जाता है। आज अमेरिका पर हुए इस हमले को 23 साल हो गए हैं।
11 सितंबर 2001 की सुबह अलकायदा के आतंकियों ने चार यात्री विमानों का अपहरण कर लिया था। उनका मकसद विमानों को अलग-अलग हिस्टोरिकल प्लेसेस पर क्रैश कराना था। पहला विमान हादसा अमेरिकन एयरलाइंस की फ्लाइट 11 का हुआ, जो सुबह 8 बजकर 46 मिनट पर न्यूयॉर्क शहर में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के नॉर्थ टॉवर से जा टकराई। इसके ठीक 17 मिनट बाद यूनाइटेड एयरलाइंस की फ्लाइट 175 डब्ल्यूटीसी के साउथ टॉवर से टकराई। वहीं, करीब 9 बजकर 37 मिनट पर अमेरिकन एयरलाइंस की फ्लाइट 77 वाशिंगटन में अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन से टकराई।
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चौथी अपहृत फ्लाइट 93 का लक्ष्य व्हाइट हाउस या यूएस कैपिटल बिल्डिंग था, लेकिन यात्रियों के साथ झगड़े के कारण आतंकवादियों ने विमान पर नियंत्रण खो दिया और यह पेन्सिलवेनिया के शैंक्सविले में एक मैदान में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। आतंकवादियों द्वारा किए गए इन चार हमलों में 2977 लोग मारे गए। इनमें 19 अपहरणकर्ता आतंकवादी शामिल हैं।
इस घटना में मरने वालों में चार विमानों में सवार 246 लोग, वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और उसके आसपास के इलाकों में 2606 और पेंटागन में 125 लोग शामिल थे। मरने वालों में अधिकाधिक आम नागरिक शामिल थे। इसके अलावा राहत और बचाव कार्यों के दौरान 344 बचावकर्मी, 71 पुलिसकर्मी और 55 सैन्यकर्मी भी मारे गए।
11 सितंबर 2001 के हमलों के बाद तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश का पारा हाई हो गया। उन्होंने एक महीने के अंदर ही अलकायदा और ओसामा बिन लादेन को खत्म करने के लिए अफगानिस्तान पर हमला कर दिया। इस अभियान में अमेरिका को दूसरे देशों से भी मदद मिली। करीब दस साल बाद 2011 में अमेरिकी सेना ने पाकिस्तान के एबटाबाद में ओसामा बिन लादेन को मार गिराया।
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दो साल पहले यानी 2022 में अमेरिका ने अलकायदा प्रमुख और खूंखार आतंकी अयमान अल-जवाहिरी को ड्रोन हमले में मार गिराया था। अल-जवाहिरी 9/11 हमले का मुख्य आरोपी था और उस पर 25 मिलियन अमेरिकी डॉलर का इनाम भी रखा गया था।