
TTP ने जिन्ना की फोटो पर बरसाए जूते, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
TTP Jinnah Iqbal Insult Video: पाकिस्तान में आतंक का दूसरा नाम बन चुकी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने एक बार फिर अपनी कट्टरपंथी मानसिकता का प्रदर्शन किया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में टीटीपी के हथियारबंद लड़ाकों को एक स्कूल में घुसकर पाकिस्तान के कायदे-आजम मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर पर जूते बरसाते देखा गया। इतना ही नहीं, उन्होंने अल्लामा मोहम्मद इकबाल की तस्वीर को भी निशाना बनाया और पाकिस्तान के नेताओं को गालियां दीं।
वीडियो खैबर पख्तूनख्वा के उस इलाके का बताया जा रहा है, जिस पर इस वक्त टीटीपी का नियंत्रण है। वीडियो में लड़ाके पश्तून भाषा में पाकिस्तान और उसके सैन्य नेतृत्व को अपशब्द कहते नजर आ रहे हैं। एक लड़ाका कैमरे के सामने जिन्ना की तस्वीर पर जूते मारता है, जबकि दूसरा इकबाल की तस्वीर पर भी जूते बरसाता दिखता है।
🚨BREAKING NEWS🚨 Terrorists affiliated with the Afghan backed Pakistani Taliban faction HGB group abuse and attack pictures of Jinnah and Sir Muhammad Iqbal while occupying a Government school in Khyber-Pakhtunkhwa #TTP #Afghanistan #AfghanTaliban #Taliban #PakArmy pic.twitter.com/Qrc7n2ZHQs — ☣️𝐖𝐀𝐑 𝐆𝐋𝐎𝐁𝐄 𝐍𝐄𝐖𝐒 (@WarGlobeNews) November 3, 2025
विशेषज्ञों का कहना है कि यह वीडियो न केवल पाकिस्तान के लिए एक बड़ा अपमान है, बल्कि देश के अंदर बढ़ते टीटीपी प्रभाव का संकेत भी है। रिपोर्टों के अनुसार, टीटीपी ने खैबर पख्तूनख्वा और उससे सटे सीमा क्षेत्रों पर लगभग अपना “साम्राज्य” स्थापित कर लिया है। कई गांवों और कस्बों में पाकिस्तानी प्रशासन का कोई नियंत्रण नहीं बचा है। स्थानीय लोग बताते हैं कि पाकिस्तानी सेना भी इन इलाकों में बिना हवाई सहायता के प्रवेश करने से डरती है।
अब जबकि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव बढ़ा है, टीटीपी ने अपने हमलों की गति तेज कर दी है। वे लगातार नए इलाकों में घुसपैठ कर रहे हैं और स्थानीय आबादी में दहशत फैला रहे हैं। माना जा रहा है कि वायरल वीडियो इसी दौरान कब्जे में लिए गए एक सरकारी स्कूल का है।
गौरतलब है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान को “पाकिस्तानी तालिबान” के नाम से भी जाना जाता है। यह संगठन पाकिस्तान में इस्लामी कानून लागू करने की मांग करता है और अफगान तालिबान के वैचारिक रूप से बेहद करीब माना जाता है। हालांकि, अफगान तालिबान और टीटीपी के बीच संबंध समय-समय पर तनावपूर्ण भी रहे हैं। इसके बावजूद दोनों का साझा लक्ष्य “इस्लामी अमीरात” की स्थापना माना जाता है।
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टीटीपी की बढ़ती गतिविधियां पाकिस्तान के लिए बड़ी चुनौती बन चुकी हैं। जिन्ना और इकबाल जैसे राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान पाकिस्तानी समाज में गहरे आक्रोश का कारण बना है, लेकिन सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या अब पाकिस्तान अपनी ही बनाई कट्टरपंथ की आग में जल रहा है?






