
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (सोर्स-सोशल मीडिया)
Donald Trump Threatens Hamas With Serious Consequences If Hostages Are Not Released: फ्लोरिडा के मार-ए-लागो में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ हुई एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमास को लेकर अब तक का सबसे सख्त रुख अपनाया है। ट्रंप ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है कि अगर हमास ने एक निश्चित समय सीमा के भीतर अपने हथियार नहीं डाले और शेष बंधकों को रिहा नहीं किया, तो उन्हें ‘भारी कीमत’ चुकानी होगी।
राष्ट्रपति ट्रंप ने गाजा में जारी संघर्ष को समाप्त करने के लिए अपनी 20-सूत्रीय शांति योजना पर जोर देते हुए कहा कि अब गेंद हमास के पाले में है। इस बैठक ने संकेत दिया है कि अमेरिका अब गाजा में हमास के पूरी तरह निरस्त्रीकरण के बिना किसी भी स्थायी समाधान पर विचार नहीं करेगा।
नेतन्याहू के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रंप ने कहा कि हमास को निरस्त्र होने के लिए “बहुत कम समय” दिया जाएगा। उन्होंने कड़े शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि अगर हमास समझौते की शर्तों का पालन नहीं करता है, तो उसके लिए “नरक के दरवाजे” (Hell to pay) खुल जाएंगे।
ट्रंप ने संकेत दिया कि समझौते के तहत हमास को न केवल हथियार छोड़ने होंगे, बल्कि गाजा के भविष्य के शासन से भी बाहर रहना होगा। ट्रंप के अनुसार, इस योजना को कई अरब और मुस्लिम देशों का समर्थन प्राप्त है और अब केवल हमास की हठधर्मिता शांति की राह में रोड़ा बनी हुई है।
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने ट्रंप की शांति योजना के प्रति अपना पूर्ण समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इजरायल ने अपनी सभी प्रतिबद्धताओं को पूरा किया है और अब समय आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय हमास पर दबाव बनाए। नेतन्याहू ने एक “इंटेलिजेंस डोजियर” भी साझा किया, जिसमें ईरान द्वारा हमास और अन्य चरमपंथी समूहों को फिर से संगठित करने के प्रयासों का विवरण है।
दोनों नेताओं ने गाजा के लिए एक ‘अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बल’ और एक तकनीकी सरकार के गठन पर भी चर्चा की, जो जनवरी 2026 से प्रभावी हो सकती है।
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ट्रंप ने केवल हमास ही नहीं, बल्कि उसके पीछे खड़े ईरान को भी सीधे तौर पर निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि अगर ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम या बैलिस्टिक मिसाइल क्षमताओं को फिर से बनाने की कोशिश करता है, तो अमेरिका उसे “जड़ से खत्म” करने में संकोच नहीं करेगा। ट्रंप का यह रुख दिखाता है कि वे मध्य पूर्व में इजरायल की सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं करना चाहते।
बैठक का लब्बोलुआब यह रहा कि अमेरिका और इजरायल अब गाजा युद्ध के ‘दूसरे चरण’ में प्रवेश करने के लिए तैयार हैं, जहां मुख्य ध्यान हमास के सफाए और क्षेत्रीय स्थिरता पर होगा।






